अमृत क्या है-
दुनिया के सभी धर्मग्रंथों ने प्रकृति से उत्पन्न पदार्थों,वस्तुओं,नियमों तथा प्राकृतिक चिकित्सा व यूनानी,आयुर्वेदिक ओषधियों को ही अमृत माना है ।
आयुर्वेद के महान ऋषियों जैसे
~ आचार्य चरक,
~ ऋषि विश्वाचार्य,
~ आयुर्वेदाचार्य नारायण ऋषि,
~ बागभट्ट एवं
~ भास्कराचार्य आदि द्वारा आयुर्वेद
के लिखे,रचित प्राचीन ग्रंथों यथा-
【】भावप्रकाश, 【】अर्क प्रकाश,
【】मंत्रमहोदधि, 【】भृगु सहिंता,
【】रावण सहिंता, 【】रसतंत्रसार,
【】सिद्धयोग संग्रह,【】रस समुच्चय,
【】आयुर्वेद निघंटु 【】भेषजयरत्नावली
में अनेकों अमृत ओषधियों का उल्लेख है।
आयुर्वेद की पुरानी चिकित्सा --
हजारों-लाखों वर्षो पूर्व आयुर्वेद के चिकित्सकों एवं वैद्यों द्वारा अवलेह (माल्ट) बनाकर रोगों की चिकित्सा की जाती थी, जिन्हें शास्त्रोक्त इलाज कहा जाता था। आयुर्वेद की ये दवाएँ, अवलेह बनाने की प्रक्रिया बहुत जटिल व खर्चीली थी । प्राचीनकाल में ये “अवलेह” के नाम से जाने जाते थे । वर्तमान में इन्हें “माल्ट” कहते हैं।
आयुर्वेद के यह हर्बल अवलेह/माल्ट
● आंवला मुरब्बा,
●● सेव मुरब्बा,
●●● गुलकन्द,
●●●● मुनक्का,
●●●●●अंजीर
●●●●●●किसमिस,
●●●●●●●सौंठ,
●●●●●●●●मिर्च,पीपल,
●●●●●●●●●दालचीनी, लोंग, इलायची,
आदि अनेक जड़ीबूटियों के काढ़े और मेवा-मसालों
द्वारा तैयार किये जाते थे। इन्हें अमृतम माल्ट या
अवलेह कहते हैं। यह माल्ट जैम की तरह स्वादिष्ट
आयुर्वेदिक चटनी है।
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