आयुर्वेद का अविष्कार (Ayurveda ka Avishkar)
अमृतम ने आयुर्वेद के
55 से अधिक ग्रंथो से
खोज निकाला
एक प्राकृतिक उपाय
हर महीने करीब
2 किलो वजन बैलेंस करने
का आसान तरीका बिना किसी कसरत,
मेहनत, परेशानी नुकसान के।
अमृतम गोल्ड माल्ट
अनुपान भेद अर्थात
सेवन विधि को बदलने
यानि गर्म जल से लेने पर
मोटापे से परेशान स्त्री-पुरुषों का
मोटापा,चर्बी,तोंद
घटाता है और
दूध के साथ उपयोग करने
से दुबले-पतले,कमजोर
युवक-युवतियों की
हेल्थ बनाता है।
यह बहुत स्वाददार
अद्भुत असरकारक
स्वास्थ्य वर्द्धक टॉनिक है
जिसे जैम की तरह तरह सेवन
किया जा सकता है।
दुर्लभ जानकारियों का भण्डार
हमारी वेवसाइट पर प्रतिदिन हजारों
यूज़र्स एवं पाठकों ई-मेल आते हैं जो
अमृतम दवाओं के ब्लॉग/लेख को रोज
पढ़ते हैं ये पाठक गण हमारे
ब्लॉग की भाषाशैली
पढ़कर प्रसन्न हो जाते हैं।
हमारे लेख विचारों को सकरात्मक
बनाते हैं जिसके अध्ययन से पाठक
दुर्लभ जानकारी एवं
परम् शान्ति,तो पाते ही हैं और
ज्ञानवर्द्धन भी होता है
दवाओं की गुणवत्ता
के कारण बहुत अल्प समय में ही
देश-विदेश में ऑनलाइन व्यापार में
अपार सफलता प्राप्त की है।
हमारे अनेकों ग्राहक ऐसे भी हैं जो
अमृतम उत्पादों को कई बार
मंगवा चुके हैं। हम उनके आभारी हैं।
रोगों का काम खत्म
अमृतम की सभी दवाएँ
रोगों को दबाती नहीं हैं,अपितु
तन में दवे हुये रोगों को जड़
से दूर करती हैं।
पाचन तन्त्र के लिए बहुत ही
प्रभावशाली हर्बल ओषधि है।
यह शरीर का बेलेंस में लाती है।
यदि कोई मोटा है,तो उसे दुबला-
पतला,इकहरा,सुन्दर बनाने में
सहायक है और यदि कोई
कमजोर या दुबला है,तो
उसके लिए स्वास्थ्य वर्द्धक
टॉनिक है।
शिथिल व क्रियाहीन
पाचनतंत्र या मेटाबॉलिज्म
को ऊर्जा देकर सुचारू करता है
जिससे तन की अनावश्यक
चर्बी गलकर निकल जाती है।
यह नाडियों,कोशिकाओं एवं
अवयवों में जागृति व चेतन्यता
लाकर हेल्थ बनाता है,ताकि
तन में तन्मयता से खूबसूरती
आ सके।
हर पल आपके साथ हैं हम
अमृतम द्वारा निर्मित लगभग
50 से अधिक दवाएँ
पूर्णतः शुद्ध हर्बल मेडिसिन हैं।
इनका कोई हानिकारक दुष्प्रभाव नहीं है।
पूरी तरह साइड इफ़ेक्ट से रहित हैं।
अमृतम द्वारा दी गई जानकारियां
आयुर्वेद के ग्रंथों से संकलित की जाती है।
वर्तमान में "अमृतम लाइब्रेरी" में लगभग
12 से 15 हजार अति प्राचीन
और पुराने दुर्लभ ग्रंथों एवं
आयुर्वेदिक शास्त्रों
का संकलन है। जिसमें
1- चारों वेद,
2- 239 उपनिषदों में करीब 35 उपलब्ध हैं।
3- स्कन्ध पुराण संस्कृत-हिंदी
दोनों के 12 भाग
4- शिव पुराण
5- भविष्य पुराण
6- श्रीमद्भागवत
7- शक्ति पुराण
8- ब्रह्मवैवर्त पुराण
अट्ठारह पुराणों के साथ-साथ
9- रावण सहिंता
10- भृगु सहिंता
11- मंत्रमहोदधि
12- तांडव रहस्य
13- ज्योतिष ग्रन्थ
14- जातक-परिजात
15- स्त्री जातक
16- भावप्रकाश निघण्टु
17- माधव निदान
18- आयुर्वेदिक निघण्टु के अलावा
19- भाष्य व भाषा संस्कृत,हिंदी,
20- उर्दू,मराठी शब्दकोश एवं
21- व्याकरण के आक्रमण
22- तन्त्र,मन्त्र,यंत्र
के दुर्लभ ग्रन्थ एकत्रित किये गए हैं।
अमृतम मासिक पत्रिका
जो अब ऑनलाइन है
जिसे हमारे पुराने पाठक
amrutampatrika.com
पर भी पढ़ सकते हैं।
"अमृतम मासिक पत्रिका"
10 वर्ष तक हर माह 50000 हजार से
ज्यादा प्रकाशित प्रतियों के
120 अंकों को सम्भाल कर रखा हुआ है।
इन सब पुस्तकों के अध्ययन,
अनुसंधान के फलस्वरुप
अमृतम द्वारा पिछले लेखों में
**"अमृतम की कहानी"
**'ज्यों की त्यों
धर दीन्ही चदरिया''
**हर पल आपके साथ हैं हम
**रोगों का काम खत्म
**सेक्स से रिलेक्स
**40 के बाद,दे तन को खाद
**तनाव,डुबाये तन की नाव
**काम की कामना
**सर्दी-खाँसी का काम खत्म
**असतो माँ सद्गमय
**गुड़ के गुण
**पित्त का प्रकोप
**एक योग-करे 100 रोग नाश
**वात-विकार,करें हाहाकार
**दिमाग की आग
**फ़कीरा चल-चला चल
**रूसी,खुजली झड़न मिटाये
**रोज-रोज के रोजा से मुक्ति
**जिओ खाओ,जुग-जुग जियो
**केशवर्द्धक ओषधियाँ
कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा
**स्वस्थ्य प्राणी के 100 साथी
**बच्चों को बल-बुद्धिशाली बनायें
**वात को लात
**ऑर्थोकी गोल्ड कैप्सुल
**अमृतम हर्बल दवाएँ,रोग मिटायें
**चाहत से राहत
आदि हर लेख में
प्रेरणादायक जानकारियां
बहुत ही सरल-सहज शब्दों
में दी गई है।
अमृतम के ब्लॉग
संजीवनी बूटी की तरह हैं
जो तन-मन के दूषित
विचारों का विनाश करते हैं।
हम पिछले लेखों में
बता चुके हैं कि-
"अमृतम गोल्ड माल्ट"
पेट की खराबी,
उदर की परेशानी
गैस विकार
पाचनतन्त्र क्रियाहीन होना
मेटाबोलिज्म का बिगड़ना
आदि बीमारियों में बहुत लाभकारी है।
जब पचेगा नहीं,तो बचेगा क्या
आयुर्वेद के ग्रन्थों का मानना है कि
पेट के रोगों से लिवर फैटी हो जाता है।
लिवर की क्रियाशीलता क्षीण
होने से कुछ भी पच नहीं पाता,
जिस कारण या तो मोटापा बढ़ने
लगता है या फिर, शरीर रोगों से
घिरकर दुबला होने लगता है।
त्रिदोष तन में रोष पैदा कर देता है।
वैद्य गण कहते हैं-
जब खाना पचेगा नहीं,
तो शरीर में बचेगा क्या?
रोगों का रायता
एसिडिटी,अम्लपित्त,खट्टी डकारें,
गैस की समस्या तथा वायु विकार
उत्पन्न होने लगते हैं।
धीरे-धीरे शरीर दुबला हो जाता है
अथवा मोटापा बढ़ने लगता है।
यह सब पेट की बीमारियों एवं
पाचन तन्त्र के कमजोर होने से
होता है।
अदभुत स्वास्थ्य वर्द्धक योग
आयुर्वेद में कुछ दवाएँ ऐसी हैं जिन्हें
गर्म पानी से लेने पर मोटापा घटाती हैं
एवं दूध के साथ ले,तो मोटापा
बढ़ाती हैं। इसे ही अनुपान भेद
कहा जाता है।
हर बल दायक हर्बल दवा
अमृतम गोल्ड माल्ट
एक ऐसी आयुर्वेदिक ओषधि है
जो शरीर की सप्तधातु को सुचारू करती है।
यह त्रिदोष नाशक भी है।
नवीन रक्त का निर्माण करने में सहायक है।
बॉडी में रसों की पूर्ति करती है।
मोटापा मिटायें आसानी से
बहुत भयंकर प्रयास के बाबजूद
जिनका मोटापा कम नहीं हो रहा हो,वे लोग
2 से 3 चम्मच
अमृतम गोल्ड माल्ट
100 मिलीलीटर गर्म जल
में घोलकर सुबह खाली पेट
चाय की तरह पियें तथा
दिन में जब-जब भूख लगे,तब
गर्म जल के साथ लेवें
रात में भोजन से पहले लेवें
5 महीने तक नियमित सेवन करें।
इसे एक दिन में 3 से 4 बार लिया
जा सकता है।
पतले-दुबले व दुर्बलों की दवा-
जो लोग अपनी हेल्थ बनाना चाहते हैं।
तन को हष्ट-पुष्ट,तंदरुस्त करने का मन हो।
वजन बढ़ाने की प्रबल इच्छा शक्ति हो।
खूबसूरत व सुन्दर बनने की तीव्र भावना हो।
कमजोर शरीर को ताकतवर बनाना चाहते हों,तो
अमृतम गोल्ड माल्ट
सुबह नाश्ते के समय
200 मिलीलीटर गुनगुने गर्म
दूध से 3 चम्मच माल्ट का सेवन करें।
दुपहर व रात के खाने में
एक रोटी या पराँठे पर
2 चम्मच माल्ट जैम
की तरह लगाकर
खावें। इसप्रकार
दिन में 3 बार 3 महीने तक
बड़े धैर्य व विश्वास के साथ
लगातार लेने पर 5 से 7 किलो
तक बिना किसी नुकसान के
वजन में वृद्धि करता है।
आयुर्वेद का ऐसा योग है जो
50 से अधिक रोग का वियोग
करता है।
स्वस्थ जीवन का सूत्र है
रोग रहित होने पर ही
उन्नति के योग बनते हैं।
निरोग रहने के लिए योगा
करने की भी परम्परा प्राचीन है।
मोटापा घटाने व बढ़ाने में
अमृतम गोल्ड माल्ट के परिणाम बेहद आश्चर्यजनक है वो भी बिना किसी
कसरत, दौड़-भाग, महंगे ऑपरेशन
या अपने पसंदीदा खाने से दूर रहकर !
एक आश्चर्यजनक खोज...
प्राचीन काल के जाने माने
जैव-चिकित्सक एवं
आयुर्वेद की प्रसिद्ध कृति
"निघण्टु" के
लेखक वैद्यराज श्री ज्वालाप्रसाद जी ने
अपनी पुस्तक की भूमिका में लिखा है
व्यायाम,लंघन, खर्चीले
और दर्दभरे शल्यचिकित्सा
के बिना भी हर्बल दवाओं के
अनुपान भेद के द्वारा
प्राकृतिक तरीके से अपना
वजन (मोटापा) कम कर सकते हैं
और वजन बढ़ा भी सकते हैं।
एक पुराने आयुर्वेदाचार्य वेदज्ञानी,वैद्य
परमेश्र्वर साहनी ने
"इच्छा भेदी वटी"
के अनुपान का वर्णन किया है कि
यह ठन्डे जल से लेने पर दस्तावर है
तथा गर्म पानी से सेवन करने पर दस्त
बन्द कर देती है।
आयुर्वेद में ऐसे बहुत से योग हैं।
इंडिया मोस्ट वान्टेड-
डब्लू एच ओ के वैज्ञनिकों ने एक अनुसंधान
के तहत बताया है कि दुनिया में लगभग 38 प्रतिशत स्त्री-पुरुष विशेषकर 35 वर्ष से
ज्यादा उम्र वाले
अपने बढ़ते वजन,चर्बी,तोंद,मोटापे की
वजह से अत्यंत अस्वस्थ और बीमार
महसूस करते हैं।
हर्बल उत्पादों की मार्केटिंग हेतु 35 वर्षों के निरन्तर प्रवास के दौरान मैंने पाया कि
आखिरकार सैकड़ों मरीजों को
सिर्फ मोटापे से होने वाली परेशानियों
की वजह से जैसे
हार्ट अटैक, स्ट्रोक और
कैंसर के कारण से बहुत पीड़ित
व परेशान हैं।
अनगिनत लोग अत्यधिक मोटापे के कारण
अनेक बीमारियों से घिर जाते हैं।
अमृतम का विनम्र प्रयास
मैंने अपने पुस्तकालय में
आयुर्वेदिक शास्त्रों
का लगातार 25 सालों तक
अनेक पुस्तकों का अध्ययन किया।
अपने आपको वसा कोशिकाओं के उत्पादन की विभिन्न प्राकृतिक निष्कर्षो के प्रभावों को पढ़ने में लगा दिया।
मेरा उद्देश्य था कि
मोटे पुरुषों और महिलाओं की
जीवन को बचाने का आसान रास्ता तलाश करूं। विश्व में लाखों प्राणी अपने मोटापे से परेशान हैं।
लेकिन अधिकतर के लिए खाने-पीने में परहेज का तरीका अनुसरण करना काफी कठिन रहता है।
और तो और, अधिकांश वजन कम करने वाले कार्यक्रम, जिसे स्पा-क्लीनिक की तरफ से प्रसारित किया जाता है उनका खर्च 45,000 से 70,000 रुपये होता है, और इतने ज्यादा व्यय के पश्चात
उन्हें बहुत ही दुखदायी
दुष्परिणाम प्राप्त होते हैं।
वे सिर्फ आपके शरीर में पानी का भार काम करवाते हैं इसलिये एक महीने के अंदर आपका वजन फिर बढ़ जाता है। यही वजह है कि वजन कम करना प्रायः एक असंभव सा काम लगता है।
शिवःसंकल्पमस्तु
मेरा प्रयास व प्रयोग खास तौर से पेट, कूल्हों और कमर में होने वाली असामान्य चर्बी को कम
करने पर केंद्रित था। मुझे पता था कि सालों से वजन बढ़ने की वजह से पाचन क्रिया धीमी गति से होती है, जिस वजह से लोगों के लिए चर्बी को प्रभावी रूप से कम करना कठिन हो जाता है।
मैं एक ऐसा हर्बल अवलेह या
जैविक घोल बनाना चाहता था जो जैम की तरह स्वादिष्ट व स्वास्थ्य वर्द्धक भी हो तथा शरीर में फेल रही,बढ़ रही सख्त चर्बी एवं बढ़े हुए पेट की वसा को बिना किसी नुकसान के गला दे और कमजोरी भी न आये और साथ ही उसी समय शरीर की पाचन क्रिया को भी ठीक कर पुनः मोटापे में वृद्धि न करे।
मैंने 20-25 वर्षों तक निरन्तर
प्रयोग व प्रयत्न
किये, मैंने वसा कोशिकाओं का घोलनीकरण, छंटनीकरण, क्रिस्टलीकरण कर इस रहस्य को सुलझाने की कोशिश की। यह काम बहुत ही ज्यादा और शारीरिक रूप से थका देने वाला था।
मैं पूरा दिन वजन कम करने के तरीकों के प्रयोगों की खोज करता था और सारी रात उन्हें लायब्रेरी में पुराने ग्रंथों का अध्ययन करता रहता।
फिर निर्माण शाला में उन्हें परखता।
मैंने दुनियाभर की सैकड़ों असामान्य टॉनिक, फंगल उपभेदों और जड़ी-बूटियों को परखकर पाया कि
अनुपान भेद से सेवन करने से बहुत चमत्कारी परिणाम पाये जा सकते हैं।
जीवन का आधार आयुर्वेद
आयुर्वेद में ऐसी अनेक जड़ीबूटियां हैं
जिन्हें अलग-अलग चीजो के साथ लेने
पर अलग-अलग परिणाम देती हैं।
इसलिए एक ही दवा को खाने के तरीके
विभिन्न हैं।
जैसे-मधु पंचामृत,छाछ,
मठा,दूध, दही, घी, मख्खन, जल
रस,जूस तथा
ओषधि काढ़े के साथ खाली पेट,
खाने के पहले या बाद विभिन्न
विधियों के साथ लेने पर
विभिन्न रिजल्ट मिलते हैं।
36 गढ़िया-सबसे बढ़िया
36 गढ़ की आदिवासी जनजाति अपनी पाचन शक्ति बढ़ाने के लिए हरड़ व आँवले को
गुड़ के पानी में खूब उबालकर मुरब्बा बनाकर
इन फलों का सेवन करती है जिससे कि वो अधिक चुस्ती और ऊर्जा बनाए रखें।
मैंने बस्तर, किरन्दुल आदि वनों में
वनवासी जीवन जीने वाले
इन्हें वनस्पतियों की बहुत
बेहतरीन जानकारी है।
इन आदिवासियों से जाना कि हरड़ व आँवला
के मुरब्बे को यदि गर्म जल के साथ लो,तो मोटापा एवं चर्बी घट जाती है तथा
गर्म दूध के साथ लेने
पर शरीर ताकतवर हो जाता है।
मोटापे की मार
कई अध्ययनों में यह खुलासा हुआ है कि अधिक भार की मोटी महिलाओं और पुरुषों को
अच्छी आमंदनी वाली नौकारी मिलने एवं
विपरीत लिंग वाले लोगों को आकर्षित करने में
बहुत ही ज्यादा संघर्ष करना पड़ता है
विशेष परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
मोटापे व भारी भरकम शरीर के कारण
वे अवसाद या डिप्रेशन, सामाजिक व्याकुलता और आत्मविश्वास में कमी महसूस करते हैं।
सीधे शब्दों में कहें तो: अधिक वजन होना जिन्दगी के हर पहलु में नकारत्मकता ला देता है।
लेकिन वेफ़िक्र रहें
कई साल के मोटापे को कम करने का पहला कदम है कि पाचन क्रिया की धीमी प्रक्रिया को शुरू करना।
पोषक तत्वों का सही माप करके, कोशिका स्तर पर पाचन शक्ति को गति प्रदान करता है, और
वर्षों से बसी जमी चर्बी को कम कर देता है-जिससे कि आप दुबले-पतले,छरहरे हो जाएं और वैसे ही बने रहें
जैसे 18 या साल की उम्र में थे।
अमृतम गोल्ड माल्ट-
गर्म पानी में मिलाकर चाय की तरह रोज सुबह
लेने से
वजन कम करने को बढ़ावा देता है और आपकी ऊर्जा में दस गुना वृद्धि करता है।
हरड़ व आँवला दोनों प्राकृतिक सफाई कारक तत्व मिलकर शरीर से हानिकारक तत्वों को मिटा देते हैं और लंबे समय के लिए काम करने में प्रेरक होते हैं और शरीर में
अनावश्यक कैलोरी कम करने में मदद करता हैं।
अमृतम गोल्ड माल्ट
आयुर्वेद के प्रसिद्ध ग्रन्थ
रस तन्त्र सार के अवलेह प्रकरण
के अनुसार पुराने व आधुनिक तरीके से
योग्य चिकित्सकों की देख-रेख तथा सबसे अच्छे वैज्ञानिक तरीकों और प्राकृतिक चीजों का उपयोग करके बनाया जाता है।
यह वैज्ञानिक रूप से वसा कोशिकाओं को निशाना बनाकर उन्हें कम करने में सहायक है। इसका मतलब आप वजन जल्दी से, आसानी से और हमेशा के लिए कम कर सकते है।
गारंटी के साथ।
महिला और पुरुष को वजन कम करने या वजन बढ़ाने दोनों
रूप में केवल अनुपान भेद से सेवन करने पर
4 से 5 महीने में विलक्षण परिणाम देता है।
तथा एक खुशहाल जिंदगी जीने में मदद करता है।
वजन कम करने की विधि
सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ 2 से 3 चम्मच सही मात्रा में 5 महीने तक एक दिन में 3 से 4 बार सेवन करने पर सालों से जमी चर्बी को कम करता है और पाचन शक्ति को बढ़ाता है, और हर तरह से स्वस्थ बनाता है।
वजन बढ़ाने की विधि
सुबह नाश्ते में ब्रेड या पराठे में
2 से 3 चम्मच माल्ट
जैम की तरह लगाकर
दूध के साथ लेवें।
दिन व रात्रि में खाने के साथ
2 से 3 चम्मच लेना है।
ये उत्पाद 100% शुद्ध हर्बल है।
पूर्णतः संतुष्टी की गारंटी देता है।
40 दिन बाद अमृतम गोल्ड माल्ट
अपना शुभकारी प्रभाव दिखाने लगता है।
इसके नियमित उपयोग से सारी आशंकाएं और संदेह बिलकुल खत्म हो जाते हैं। यह ऊर्जावान रखता है। आमतौर पर किसी और मेडिसिन के उपयोग से के 15 से 20 दिन आते-आते सारा उत्साह, सारी शक्ति क्षीण हो जाती है।
लेकिन अमृतम गोल्ड माल्ट उत्साहवर्द्धन का काम करता है।
कुछ लोगों ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि 2 माह में 5 से 7 किलो वजन कम होने के बाद ऊर्जा से लबालब हो गया। दिन भर बहुत
हल्कापन बना रहा।
अमृतम गोल्ड माल्ट को रोज 3 से 4 बार तक
नियमित लेने वाले स्वस्थ महसूस करते हैं।
सुन्दर व खूबसूरत दिखने लगते हैं।
हर दिन सुबह एक नई तरह की ऊर्जा, नई उमंग और नए उद्देश्य के साथ सोकर उठते हैं।
चर्बी घटाए-
अमृतम गोल्ड माल्ट
वजन वृद्धि में भी उपयोगी-
यदि आप दुबले-पतले हैं,तो स्वास्थ्य को बेहत्तर
करता है। मोटापा बढ़ाने वाले बाजार में बिक रहे
कृत्रिम मेडिसिन से लाख गुना गुणकारी ओषधि है।
अमृतम गोल्ड माल्ट
पैकिंग-400 ग्राम
मूल्य-₹1100-00 GST सहित
विशेष डिस्काउंट
अमृतम गोल्ड माल्ट
400 ग्राम की 5 शीशी
एक साथ मंगाने पर
10% डिस्काउंट दिया जावेगा।
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