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आयुर्वेदिक दवाईयों से होते हैं "9" फायदे
और जानिए ........
अर्थराइटिस/वातरोगों की वजह से उत्पन्न 9 प्रकार की व्याधियों के बारे में :-
आयुर्वेदिक दवाएँ सभी तरह के वात रोग यानि अर्थराइटिस की परेशानियों से मुक्ति दिलाती हैं।
आयुर्वेद के अति प्राचीन पुस्तकों/शास्त्रों ,में वात विकारों से होने वाली 88 प्रकार की
बीमारियों का वर्णन है, इसकी जानकारी हमारे पिछले/पुराने लेखों/ब्लॉग में दी गई है।
वात व्याधि से होने वाले रोग -
से शरीर में सूजन आने लगती है।
२- शरीर कंपकपाने लगता है।
3- चलने में डर सा लगने लगता है।
४- पाचन क्रिया गड़बड़ हो जाती है।
५- हमेशा सुस्ती, आलस्य बना रहता है।
६- किसी भी काम में मन नहीं लगता।
७- जोड़ों का लचीलापन कम या खत्म हो जाता है।
८- पूरे शरीर में दर्द बना रहता है।
९- अर्थराइटिस की इन तकलीफों के कारण
सेक्स हार्मोन असंतुलित हो जाता है।
सहवास की इच्छा नहीं होती।
सेक्स की समस्या उत्पन्न हो जाती है।
आयुर्वेद में इन सब असाध्य बीमारियों का
स्थाई इलाज है, यदि पीड़ित रोगी धैर्य के
नियमित सेवन करे।
【1】इम्युनिटी सिस्टम को ठीक करती हैं।
की पूर्ति करता है।
【5】पाचनप्रणाली को नियमित करती हैं।
【6】पेट की तकलीफ दूर करती हैं।
【7】रक्तसंचार/ब्लड सर्कुलेशन
सुचारू करती हैं
【9】कमर, घुटने, कंधे, एड़ी,
या कोहनी के दर्द
आदि से परेशान हैं, तो अपनाए
कारगर साबित हुई हैं।
थाइराइड एवं अर्थराइटिस के बारे में 50 से ज्यादा बीमारियों की जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट देखना न भूलें।