अस्थि या हड्डियों के क्षय क्षीण तथा कमजोर होने पर तन निम्न व्याधियों से घिर जाता है ।
जैसे-मन उदास रहना । किसी से ज्यादा बोलचाल की इच्छा नहीं रहती । कोई न कोई शंका, डर भय बना रहता है । किसी भी काम में मन नहीं लगता,वीर्य पतला ओर कम होकर सेक्स के प्रति अरुचि हो जाती है । शरीर दुबला व कमजोर होने लगता है । शरीर का संज्ञान नहीं रहता,स्वतः ही मल-मूत्र निकल जाता है ।
शरीर काँपता है , वमन (उल्टी) जैसा मन
रहता है ।
शरीर सूखता है, सूजन आती है ओर त्वचा-
चमड़ी रूखी हो जाती है । एक बार में पखाना साफ नही होता । बार-बार फ्रेश होने की इच्छा होती है । देर रात तक नींद न आना ।व्यर्थ की चिंता,बेचैनी,
घबराहट रहती है ।
कैसे कमजोर हो जाती हैं हड्डियां :--
लगातार भूख न लगना, पेट की खराबी, खून की कमी, राजयक्ष्मा (टी.बी.), प्रदूषित खानपान, समय पर भोजन न करना, प्रदूषण, देर रात तक जागना, व्यायाम न करना, आलस्य,शिथिलता, जीर्णज्वर, हमेशा थकान महसूस करना, हाथ-पैरों में टूटन, आदि परेशानी अथवा रोग बहुत दिनों तक रहते हैं, तो रस बनना कम हो जाता है जिससे हड्डियां क्षय होकर पतली औऱ कमजोर होने लगती है ।
दुष्प्रभाव :
हड्डियों के पतले होने से शरीर सूखने लगता है । कम उम्र में ही बुढ़ापा
आने लगता है ।
सेक्स समस्या होने लगती है । थोड़ा सा ही चलने-फिरने में थकान हो जाती है । मन कुंठित व खराब रहता है ।
विशेषकर हाथ, पैर, कमर तथा पसलियों के
हाड़ तो अवश्य ही पतले होने लगते हैं ।
अमृतम उपाय
शतावर 100 ग्राम, अश्वगंधा 100 ग्राम, मधुयष्टि 100 ग्राम, सहजन 100 ग्राम
हरश्रृंगार पुष्प 25 ग्राम, रास्ना 100 ग्राम अमलताश गुदा 100 ग्राम, हरड़ 100 ग्राम,
मुनक्का 200 ग्राम, गिलोय 100ग्राम, त्रिकटु 100 ग्राम सभी को जौ कूट करके करीब 15 किलो पानी में इतना उबाले की करीब 4 किलो रह जाये । रोज एक बार में 25 ml काढ़ा 1 गिलास गुनगुने पानी मे 3 या 4 बार। 30 दिन तक लेवे ।
अथवा
अपने घर पर अवलेह (माल्ट) बनायें
आवला मुरब्बा 1 kg, हरड़ मुरब्बा 1 kg
बादाम 200 ग्राम, अंजीर 200 ग्राम,
मुनक्का 200 ग्राम, काली किसमिस 200 ग्राम, सभी को अच्छी तरह पीसकर सभी को 200 या 300 ग्राम घी ओर सुविधानुसार गुड़ में मंदी आंच पर 2-3 घंटे सिकाई कर गुनगुना रहने पर
इसमे निम्न ओषधि पीसकर मिलाएं --
100 ग्राम लोंग, 10 ग्राम दालचीनी,
जीरा, हल्दी,अजवायन, धनिया, सभी 25-25 ग्राम, त्रिकटु 150 ग्राम, त्रिसुगन्ध 45 ग्राम, अश्वगंधा, शतावर, मुलेठी प्रत्येक 50-50 ग्राम तथा अमृतम एकांगवीर रस 50 ग्राम, अमृतम शुद्ध गुग्गल 50 ग्राम,
अमृतम वृहत्वात चिंतामणि रस स्वर्णयुक्त 5 ग्राम, अमृतम। शुद्धशिलॉजित 20 ग्राम,बबुल गोंद 100 ग्राम
इन सभी को अच्छी तरह मिलाकर 20 या 30 ग्राम के लड्डू बनाकर सुबह खाली पेट गुनगुने दूध से, 1 , दुपहर में एक लड्डू ओर 1 रात में दूध से एक दिन में 3 बार 45 दिन तक लगातार लेवे
अथवा
उपरोक्त विधि-विधान से निर्मित तथा अनेकों अद्भुत असरकारक जड़ी-बूटियों,
मेवा-मसालों, मुरब्बे के मिश्रण से तैयार
ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट 1-1 चम्मच 2 या 3
बार गुनगुने दूध से 30 दिन तक लेवें ।
ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट 7 दिनों में ही अपना चमत्कारी प्रभाव दिख देता है । कमजोर हड्डियों को हर बल, शक्ति और ताकत देने वाला पूर्णतः
हर्बल माल्ट है । इसमें सेव मुरब्बा,हरड़ मुरब्बा, आमला मुरब्बा का समावेश है ।
ऑर्थोकी गोल्ड कैप्सूल 1-1 सुबह शाम गुनगुने दूध से 45 दिन लगातार लेवें ।
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