एक अद्भुत प्राकृतिक हर्ब
गुग्गल को पेड़ों का पसीना भी कहते हैं ।
यह पुराने वृक्ष के ताने से गाड़ा रस तरल पदार्थ
के रूप में बहता रहता है । इसी चिपचिपे पानी को इकट्ठा कर सुखा लेते हैं ।
अमृता के काढ़े में उबालकर, ठंडा रहने पर ऊपर जो मलाई होती है उसे निकाल कर काम मे लाते हैं ।
तथा
दीपनः पिच्छीलो बल्य:
इस तरह गुग्गल की प्रशंसा में 200 करीब संस्कृत श्लोकों का वर्णन है ।
अमृतम आयुर्वेद की वैज्ञानिक संस्कृत टीकाओं जैसे चरक की संस्कृत टीका, वागभट्ट की संस्कृत टीका
में भी गुग्गल की स्तुतियों से भरी पड़ी है । गुग्गल के गुणकारी गुणों से प्रभावित होकर "ऑर्थोकी" में इसका मिश्रण किया है ।
गुग्गल के औऱ भी नामों से जाना जाता है-
आयुर्वेद के संस्कृत निघण्टु के अनुसार
देवधूप, जटायु,
कौशिक, पुर, कुम्भ, उलूखलक, महिषाक्षो, महानील ये गुग्गल के संस्कृत नाम हैं ।
हिंदी में गूगल,
बंगला, मराठी, गुजराती में गुग्गुल,
कंन्नड में इवडोल,
फारसी में बियाजहूदान,
अरबी में मुष्किल अर्जक,
इंग्लिश में इंडियन डेलियम (indian Delium)
लै.-में बालसमो दिन्द्रोंन रॉक्सवर घिआई
(Balaasamo dendron Rox burghii)
महिपाक्ष, महानील, कुमिड, पद्म, औऱ हिरण्य
ये 5 प्रकार के भेद होते हैं ।
कड़वा, पित्तकारक, दस्तावर, चरपरा, टूटी हड्डियों को जोड़ने वाला इसी कारण इसे ऑर्थोकी में मिलाया है ।
वीर्यदोष नाशक, वीर्य बढ़ाने वाला,
नया गुग्गल बल पुष्टिकारक होता है ।
मैथुन शक्ति बढ़ाता है ।
अमृतम गुग्गल त्रिदोष नाशक, वात, पित्त व कफ को जीतने वाला होता है ।
प्रमेह, मधुमेह, पथरी, कुष्ठ , आमवात, ग्रंथिशोथ Thyroid थायराइड , सूजन, कृमिरोग, नष्ट करने वाला होता है ।
BENEFITS OF AMRUTAM GUGGUL
महायोगराज गुग्गल एवम योगराज गुग्गल -
यह वात रोगों में उपयोगी है ।
रासनादि गुग्गल- दर्द में लाभकारी ।
त्रिफला गुग्गल- उदर रोग निवारक ।
कैशोर गुग्गल - नाड़ी शुद्धि हेतु
त्रयोदशांग गुग्गुलु-
जकड़न और वात रोगों की आयुर्वेदिक दवा ...
एवम कैप्सूल में मिलाया गया है । यह उनके लिए बहुत ही लाभकारी व चमत्कारी है, जिन स्त्री-पुरुषों की अधेड़ अवस्था अथवा बुढ़ापे के कारण शरीर की हड्डियां बहुत ही कमजोर हो गई हों ।
शरीर जर्जर होने की कगार पर हो ।
जो लोग सब तरफ से हारकर तक गए हों,
हताश औऱ भयंकर रूप से
भ्रमित, पीड़ित हों, उन्हें तत्काल ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट तथा गोल्ड कैप्सूल लेना चाहिए ।
ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट- स्वर्णभस्म युक्त
Orthokey Gold Malt
with gold bhasm
सेव मुरब्बा। (Sev Murabba)
मुनक्का या द्राक्षा (Munnaka)
अंजीर (Anjeer)
महारास्नादि क्वाथ ( काढ़ा)
बला पंचांग,
अश्वगंधा ( Ashwagandha)
शतावरी ( Shatawari)
एरंड मूल (Arand Mool)
बादाम, शुद्ध गुग्गल,
महायोगराज गुग्गल (Mahayograj guggal)
बृहत वात चिंतामणि रस। (स्वर्णयुक्त)
(BrahtVaat Chitamani Ras
With Gold Bhsam)
लाक्षादि गुग्गल (Lakshadi Guggulu)
रसराज रस एवम योगेंद्र रस (स्वर्णयुक्त)
एकांगवीर रस (Ekangveer Ras)
शुद्ध कुचला (Pure kuchla)
त्रिफला ( Trifla)
त्रिकटु (Trikutu) सौंठ, कालीमिर्च, पिप्पली
आदि असरदायी हर्ब्स से निर्मित है ।
ऑर्थोकी गोल्ड कैप्सूल में शुद्ध शल्लकी आदिकुछ काष्ट ओषधियों, जड़ी-बूटियां औऱ मिलाई गईं हैं ।
ऑर्थोकी पुराने वात रोगों का नाशकारक है ।
गुग्गुल एक ऐसी दवा जो हार्ट मोटापा थाइरोइड कब्ज इत्यादि ...दूर करता है ।
गुग्गुल या 'गुग्गल' एक वृक्ष है। इससे प्राप्त राल जैसे पदार्थ को भी 'गुग्गल' कहा जाता है। भारत में इस जाति के दो प्रकार के वृक्ष पाए जाते हैं ।
गुग्गुल के घरेलु उपयोगी नुस्खे और उपाय और
उससे होने वाले लाभ अनेक हैं ।
(PilesKey Malt) द्वारा स्वास्थ्य लाभ: -अमृतम -गुग्गुल युक्त पाइल्स की माल्ट
पेट से उत्पन्न बीमारियों तथा कफ, वात, कृमि और अर्श नाशक होता है।
आयुर्वेदिक गोंद गुग्गुल शब्द संस्कृत के गुग्गुलु से बना है जिसका अर्थ है बीमारियों से बचाव करने वाला । वास्तु व ग्रहदोषों की शांति हेतु इसका
धुँआ शुभ-हितकारी है ।
अमृतम गुग्गुल एक प्रकार का oil, gum और resin का मिश्रण है ।
से होता आ रहा है ।
इसकी गंध से वायु पवित्र होती है ।
अमृतम गुग्गल के धुएं से प्रदूषण का
नाश होता है ।
वायुमण्डल की शुद्धि हेतु यह अद्भुत है ।
अमृतम - रोगों का काम खत्म !
कई तरह की बीमारियों को खत्म करने की सबसे बेहतर और कारगर औषधि है गुग्गुल। यह एक पेड़ की प्रजाती है। इसकी छाल से एक विशेष मौसम में जो गाड़ा लिसलिसा, तरल रस बहता है, वही गुग्गल है । वृक्ष से निकली इस गोंद (गुग्गल) को त्रिफला के काढ़े में शुद्ध किया जाता है । तत्पश्चात हर्बल्स
दवाओं का निर्माण किया जाता है ।
का आयुर्वेद, प्राकृतिक उपचार
और स्वास्थ्य पर प्रभाव तथा
गुग्गल से बनने वाली हर्बल्स ओषधियाँ ।
गुग्गल या इस दमदार असरकारक गोंद से
बनने वाली ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट (Orthokey Gold Malt) तथा
वात रोगों से परेशान पीड़ित लोगों के लिए
बेहद उम्दा ओषधि है ।
ऑर्थोकी में गुग्गल का समावेश है
ऑर्थोकी माल्ट एवम ऑर्थोकी गोल्ड कैप्सूल
में डाला गया गुग्गल टूटी हड्डियों को
तुरन्त जोड़ता है ।
इसका सेवन रसहीन, सूखी-रूखी हड्डी को लचीला बनाता है । वातविकार के कारण शरीर,, हाथ-पैरों तथा जोड़ों की सूजन, जोड़ों के दर्द गले
गरदन व कमर की सभी तकलीफों को
तत्काल राहतदायक है ।
वनोषधि दर्पण, मदनपाल निघंटु, वंगसेन संहिता ,
राजा-महाराजाओ की चिकित्सा, राजनिघंटु, वातरोगों की चिकित्सा, वागभट्ट की टीका, अनेक हजारों पुरानी किताबों में करीब 300 से अधिक उपयोग बताये गए हैं ।
गुग्गल के विषय में यह जानकारी अमृतम आयुर्वेद के अनेक ग्रंथों- भाष्यों, उपनिषदो, स्कन्दः पुराण, श्रीमद्भागवत, शिवपुराणों का अध्ययन कर 4-5 वर्षों में एकत्रित की गई ।
आयुर्वेदिक जड़ी-बूटियों, हर्बल्स, हर्ब्स
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