- दांतों की यह बीमारी जवानी में ही बूढ़ा बना सकती है। आयुर्वेद में 22 दंतरोगों का उल्लेख है।
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जाने दांतों का खतरनाक रोग पायरिया के लक्षण, कारण और देशी घरेलू उपाय...
- दांतों में खराबी, पायरिया, पीप पड़ना, मुंह से बदबू आना, दांतों में दर्द, हिलना, मसूड़ों की सूजन, जीभ स्वादहीन होना आदि सब समस्यायों की जननी हमारी आदत और लाइफ स्टाइल हैं।
- दांतों की मानव से कोई निजी दुश्मनी नहीं है। अध्यात्मिक सिद्धांत के मुताबिक जैसा हम बोते हैं, वैसा ही काटते हैं।
- दांतों को नुकसान कैसे पहुंचता है। अकबर आयुर्वेद, माधव निदान, योग रत्नाकर आदि 5000 वर्ष पुरानी किताबों में दंत रोगों के लक्षण, कारण तथा उपचार का उल्लेख है।
- आयुर्वेद के अनुसार मुंह में 700 से अधिक प्रकार के बैक्टीरिया पाए जाते हैं। गोल आकृति या मुक्त-चक्राकार से लेकर छड़ आदि के आकार के यह जीवाणु (बैक्टेरिया) भोजन से शर्करा को अलग कर उसे एसिड में बदल देते हैं, जो दांतों से आवश्यक खनिज पदार्थ यानि मिनरल्स को हटा देते हैं, जिसके कारण दांतों में सड़न, पोलापान या कैविटी होने लगती है।
- यदि दांतों की नियमित सफाई न की जाए, तो ये जीवाणु/बैक्टीरिया दांतों के ऊपर मैल या काई (plaque प्लाक) जमा देते हैं। इसके बाद एसिड बनने की प्रक्रिया और तेज हो जाती है, जो अंत में दांतों के नुकसान के रूप में सामने आती है।
- पायरिया तेजी से पसार रहा है पैर….दंत सड़न विकार अर्थात पायरिया या पीरियोडोंटाइटिस दांतों, मसूड़ों का गंभीर संक्रमण है। भारत में लगभग 34 फीसदी महिलाए और 22 फीसदी पुरुष दांतों की सड़न (पायरिया डिजीज) से पीड़ित हैं। बच्चों के बीच काफी सामान्य है। इस दांत विकार में दांतों की बत्तीसी एवम जड़ें पूरी तरह कमजोर हों जाती हैं।
- पायरिया शरीर में कैल्शियम की कमी होने, मसूड़ों की खराबी और दांत-मुँह की साफ सफाई नहीं रखने से होता है। पायरिया रोग में मसूड़े की जड़ पोली एवम दांत पिलपिले और खराब हो जाते हैं और उनसे मवाद, खून तथा दुर्गंध आती है।
- सांसों की बदबू की वजह भी पायरिया को अत्यंत हीन खतरनाक दंतरोग माना जाता है. पायरिया होने पर दांतों को ब्रश करते समय मसूड़ों से खून निकलता है।
- पायरिया की बीमारी क्या है?...मसूड़ों की बीमारी को आमतौर पर पायरिया कहते हैं। इसमें जबड़े और मसूड़ों की हड्डी में मवाद पड़ने लगता है और मुंह से भयंकर बदबू आने लगती है।
- पायरिया रोग से दांत, मसूड़े एवम नेत्रों को को नुकसान होता है। यदि ठीक समय पर पायरिया का उपचार न किया जाए, तो दंत अस्थि (बोन) और ऊतक यानि टिशू (tissue) दोनों क्षतिग्रस्त (डैमेज) हो सकते हैं ।
- जाने दांतों को दर्द से बचाने व चमकाने के लिए 50 प्राचीन रहस्य।
- आयुर्वेदिक विज्ञान एवं प्राचीन परंपरा आधारित इन आदतों को अपनाकर दांतों को स्वस्थ रख सकते हैं।
- 8 आदतें आपके दांतों को खराबी से बचाएंगी
- १. बार-बार खाने की आदत से दूर रहें।
- २. ठंडी चीज के ऊपर गर्म और गर्म के बाद ठंडी वास्तु खाने पीने से परहेज करें।
- ३. रात को दही, अरहर की दाल, बेगन एवं बादी युक्त पदार्थ न खाएं।
- ४. सुबह उठते ही सादा पानी पिएं।
- ५. फ्रेश होते समय दांतों की बत्तीसी भींचकर यानि मुख को अच्छी तरह बंद रखें।
- ६. ज्यादा गर्म भोजन न खाएं। गर्म खाना खाते समय ठंडा पानी न पिएं।
- ७. पेशाब करते समय मुंह खुला न छोड़े, न किसी से बात करें।
- ८. पेट में कब्ज न होने दें।
- आयुर्वेदिक मंजन और खाने वाला माल्ट से करें शर्तिया इलाज इसे अपने घर पर भी बना सकते हैं।
- दांतों का आयुर्वेदिक उपचार
- आयुर्वेद-सारसंग्रह
- एक पुरानी किताब में दांतों की मजबूती के लिए विशेष जड़ी बूटियों का वर्णन है।
- घरेलू देशी दंत मंजन बनाने का फार्मूला..
- खड़िया मिट्टी ५० ग्राम, नीम छाल 10 ग्राम, सफेद कत्था ४०, दालचीनी 30 ग्राम, मौलश्री की छाल अजवायन, सेंधा नमक, काली मिर्च, मिलावे की राख, सोंठ, बदाम-छिलका की राख जायफल, अकरकरा, लौंग, माजूफल, इलायची- ये दवाएँ २०/२० ग्राम, शुद्ध तूतिया, कपूर और शंख - प्रत्येक १०/१० सभी को सुखाकर साफ करें और खलबत्ते में कूटपीस किसी बारीक कपड़े से छाने।
- हर्बल मंजन के फायदे गुण और उपयोग -
- बादाम के छिलके की राख, मौलश्री की छाल का चूर्ण, खड़िया मिट्टी, अगर लकड़ी क कोयला - प्रत्येक २५/२५ ग्राम, फिटकरी भुनी हुई ५ ग्राम,
- सेंधा नमक १० ग्राम, असली कपूर २ ग्राम, शुद्ध तूतिया १ ग्राम, मोती भस्म १ ग्राम - सबका महीन कूट-पीस कर कपड़छन चूर्ण बना लें, इसमें 1 ग्राम या 2 ग्राम पिपरमेंट का सत मिला कर चौड़े मुँह की शीशी में भर कर रख दें।
- यह दूसरा सुगन्धित मंजन है। सुबह-शाम इसका मंजन करना बहुत गुणदायक है।
- गुण और उपयोग एवम फायदे...मुँह की दुर्गन्ध नष्ट करना इसका प्रधान गुण है। दाँतों के सब विकारों को नष्ट कर मोती समान चमका देता है।
- दशनसंस्कार चूर्ण (मंजन) यह आयुर्वेद का सबसे प्राचीन और विश्वसनीय दांत मंजन है, जो चूर्ण के नाम से शास्त्रों में गुमफित है।
- दशनसंस्कार चूर्ण (मंजन) का फार्मूला…सोंठ, हर्रे, मोथा, कत्था, कपूर, सुपारी की राख, कालीमिर्च, लौंग और दालचीनी समान भाग लेकर कूट-कपड़छन कर महीन चूर्ण बना लें। इस चूर्ण के समान खड़िया मिट्टी का चूर्ण मिला शीशी में भर कर रख लें ।
- अमृतम द्वारा आयुर्वेद के अनेकों पुराने ग्रंथों का गहन अध्ययन अनुसंधान कर अमृतम डेंट की मंजन और DENTKEY MALT का निर्माण किया है, जो 22 से अधिक दंत रोगों को जड़ से साफ करता है।
- मुंह के छाले मिटाए असरकारक जड़ी बूटी के मिश्रण से निर्मित डेंट की मंजन को दही में मिलाकर मुँह के छालों पर लगाने से छाले बहुत शीघ्र नष्ट हो जाते हैं।
- इस मंजन से दाँत का दर्द, दाँत से खून जाना, पुराना पायरिया, मुँह की दुर्गन्ध, दांतों या मसूड़ों में कीड़े हो जाना, दाँतों का मैल, असमय में ही दाँत हिलना आदि विकार नष्ट होते हैं।
- माधव निदान के मुताबिक दांतों की खराबी से आंखों की रोशनी कमजोर होने लगती है। अतः दांत और आंत शरीर के महत्वपूर्ण अंग है। इनके स्वस्थ्य रहने से कोई बीमारी जल्दी नहीं पकड़ती तथा बुढ़ापा जल्दी नहीं आता।
Dentkey Manjan | Ayurvedic Tooth Powder
MRP ₹ 179 (Inclusive of all taxes)
Quantity: (40GM)
- In Ayurveda dental health or Danta Swasthya is a part of Shalakhya Tantra, which explains 65 dierent oral diseases can arise in seven anatomic locations 8-Lips, 9- Palate, 15 – Alveolar margin, 8 – Teeth, 5-Tongue 17 Oropharynx and 3 – Generalized form. Amrutam’s Dentkey Manjan is an authentic Ayurvedic formulation with Akarkara, Akhrot and Babool. Herbal medicinals plants like Khadira, Long, Samudra Fen, Phitkari and Marich in Dentkey Manjan are useful in treating oral diseases and ailments.
Ayurvedic Recipe for dental nourishment
MRP ₹ 1,499 (Inclusive of all taxes)
- Oral diseases reflect the health of the whole body. Your mouth is often referred to as the “mirror of the whole body,” according to Ayurveda. Using the herbs like Karonda, Molshree, Supari and other herbs in Amrutam’s Dentkey Malt can eradicate the root cause of your dental ailments. The Ayurvedic recipe for dental nourishment by Amrutam removes the root cause of dental ailments and ensures your digestive system stays healthy, along with your liver and kidney.