सिर का सार | Sir ka Saar

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सिर का सार | Sir ka Saar

सिर का सार | Sir ka Saar

सिर क्या है-

देह के सबसे ऊपरी हिस्से को
सिर कहा जाता है।
ज्ञान-बुद्धि,
विवेक,दिमाग,
अक्ल,शिक्षा
 
सब सिर में ही समाहित

रहती है।

सिर ही हमे सरताज बनाता है।

नये-नये आईडिया व बेहतरीन
तेज़ दिमाग वाले सिर के कारण ही
दुनिया उन्हें "सर" कहकर सम्बोधित
करती है।
सबको "सर" का ही 'डर'
सताता है।
बल औऱ बाल भी सिर
का मुख्य हिस्सा है।
सिर की खाल में मजबूती
 
से बाल मजबूत होते हैं।

महिलाओं की मजबूती--

एक रिसर्च के अनुसार

जिन महिलाओं के बाल यदि
लंबे,घने,काले,
चमकीले,सुन्दर
रोग रहित होते हैं,
उनमें विशेष आत्मबल
होता है।
वे औरों से ज्यादा मजबूत
महसूस करती है।
इसका कारण बालों की
सुन्दरता है।

केश खुले रखती हैं

दिल बांधने के लिए

बाल के बल पर एवं दम पर ही
महिलाएं केश श्रृंगार कर पाती हैं।
यह 16 श्रृंगारों में एक है।
 
1-स्त्रियों के बाल संवारना,
2-वेणी बनाना,
3-चोटी गूँधना
4-कंघी करना
5-चुटिया करना
6-जूड़ा बनाना
7-केश श्रृंगार करना आदि
 
लम्बे,घने,काले बालों से ही सम्भव है।

सिर का साम्राज्य-

खोपड़ी,मूँड़,कपाल,मस्तिष्क
ये सब सिर के
पर्यायवाची शब्द हैं।
हमारा सिर इतना महत्वपूर्ण है कि
 
रुद्राभिषेक के विनियोग के समय
 
सिर की शुद्धि के लिए

"शिरसे स्वाहा"

सिर पर हाथ रखकर उच्चारण करते हैं।
 
सिर की शिरा द्वारा ही शरीर की सभी
रक्त शिराओं का संचालन होता है।

सिर का सार

सिर ही मानव शरीर का महत्वपूर्ण
भाग है। सदा सकरात्मक विचारों से
भरते रहना चाहिए।
सिरदर्द से बचना चाहिए।

अन्यथा

रोगों का रस 

बुद्धि को ठस बना देता है।

सिर की देखभाल हमारा प्रथम
कर्तव्य है नहीं,तो बाद में पछताकर
यही कहना पड़ता है।
सही समय पर
कुन्तल केयर का उपयोग 
 
करना आवश्यक है।
फिर,लोग कहेंगे-

"का वर्षा जब कृषि सुखाने"

बाल हमारा स्वरूप होते हैं
खूबसूरती व सुंदरता का
आंकलन बालों से ही होता है।
व्रतराज,
गरुड़ पुराण
आदि शास्त्रों में
केश मुण्डन को स्वरूप
का दान बताया है।
 
बाल की देखभाल नहीं करने
वाले फिर पछताते हैं।
 
रामायण में लिखा है---

"सिर धुनि-धुनि पछिताय"

बालों की रक्षा हेतु अमृतम की
सही सलाह यही है कि
  100 जगह
सिर खपाने से अच्छा है
 
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का  नियमित उपयोग करें।
 
यह अनेकों असरदार प्रामाणिक,
प्राकृतिक ओषधियों के काढ़े से निर्मित है।
 
इसमें डाली गई ब्राह्मी बूटी
 
ब्रह्मांड के ज्ञान को जागृत कर देती है।

शंखपुष्पी

असंख्य केशरोगों का नाश करती है।
 
फिर, इसमें हरी मेहन्दी
का  भी मिश्रण है
जिसके बारे में सबने सुना ही होगा--

मेहन्दी,तो मेहन्दी है,रंग लायेगी

बस यह ज्यादा महंगी नहीं है,किन्तु
इसके परिणाम बहुत चमत्कारी हैं।
ऐसे ही 27 करीब हर्बल
काढ़े बना
कुन्तल केयर अद्भुत है।
 
बाल झड़ जाने के बाद
"सिर पीटने"
से कोई फायदा नहीं होगा।
इसलिए पहले ही चेत जाओ और

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(विस्तार से जानकारी
वेवसाइट पर देखें)
जो केशवर्द्धक हर्बल योग है।
 
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"सिर मुड़ाते ही ओले पड़ना"

यह बहुत पुरानी कहावत है।
 
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