लोजेन्ज माल्ट- 19 प्रकार विकारों को दूर करें | Lozenge Malt- an Ayurvedic Remedy for Lungs & Respiratory Health

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लोजेन्ज माल्ट- 19 प्रकार विकारों को दूर करें | Lozenge Malt- an Ayurvedic Remedy for Lungs & Respiratory Health

लोजेन्ज माल्ट- 19 प्रकार विकारों को दूर करें | Lozenge Malt- an Ayurvedic Remedy for Lungs & Respiratory Health

मौसम की मार

बरसात में बदलते मौसम के
साथ सर्दी-खाँसी,जुकाम होना
स्वाभाविक है।
इससे छुटकारा पाने के लिए
 
     "अमृतम"
का सेवन करें।
 
इसमें डाले गए घटक द्रव्य
 
फेफड़ों व छाती के अनेक
अज्ञात अहित करने वाले
 
19 (उन्नीस) प्रकार
 
विकारों को दूर करता है।

 
 
पूर्णतः शुद्ध हर्बल ओषधियों
से बनाया गया है। इसका कोई
हानिकारक दुष्प्रभाव
या साइड इफ़ेक्ट नहीं है।
 
^-त्रिकटु,
^-सौंठ
^-तुलसी
^-कालिमर्च
^-काकड़ासिंगी
^-वनफ़सा
^-पुष्कर मूल
^-हंसराज
^-मुलैठी
^-वासा
^-कटेरी
^-नवसार सत्व
^-पुदीना सत्व
^-हरीतकी मुरब्बा
^-आँवला मुरब्बा
से निर्मित
   "अमृतम"
 का सेवन करना चाहिए
 
 यह सर्दी-खाँसी की
 विकृतियों का नाश कर
 फेफड़ों व श्वांस नली
 की गन्दगी को साफ कर
 देता है।
 छाती में जमा बलगम,
 कफ निकालने में सहायक है।
 
टफ-कफ की हर्बल मेडिसिन-
 
 "अमृतम"
 लोजेन्ज माल्ट (Lozenge Malt)
 
1-  सुखी खाँसी
2- कफदार खांसी
3- कुकर खाँसी
4- दमा
5- जुकाम
6- गले की खराश
7- गला रुंध जाना
8- कंठ में सूजन
9- नजला
10- नाक से पानी बहना
11- सर्दी से सिरदर्द
12- आंखों में भारीपन
13- टॉन्सिल की तकलीफ
14- बार-बार छींक आना
15- कफ के कारण सुस्ती रहना
16- श्वांस संस्थान की दुर्बलता
17- फेफड़ों की खराबी
18- छाती में भारीपन
19- श्वांस संबंधी समस्याओं
 का समूल नाश करने
 में उपयोगी है ।
 
 
 बच्चों,स्त्री-पुरुषों
 बड़े-बड़ों सभी
 उम्र वालों के लिए लाभकारी है।
 यह घर का डॉक्टर भी है।
 दादी मां का खजाना है।
 

उपयोग कैसे करें

एक कप गर्म पानी में
2 से 3 चम्मच लोजेन्ज माल्ट (Lozenge Malt)
मिलाकर सुबह खाली पेट
चाय की तरह पिये।
यदि सर्दी व कफ को
लेट्रिन द्वारा निकलना
चाहते हों,तो एक गिलास
गर्म दूध के साथ लेवें ।
इसके नियमित सेवन
से पेट साफ रहता है।
कफ का बनना भी स्वतः
ही बन्द हो जाता है।

पुराने रोगियों को

कब तक लेना चाहिए-

जो लोग हमेशा सर्दी-खाँसी,
जुकाम,गले की खराश
से परेशान रहते हों
उन्हें कम से कम तीन माह
तक दिन में 3 से 4 बार तक लेना
चाहिए।

सुस्ती-आलस्य से मुक्ती हेतु-

रात में खाने से एक घण्टे पहले
2 से 3 चम्मच
गर्म दूध के साथ उपयोग करें।

गले की खराब व टॉन्सिल्स में-

सुबह नाश्ते के साथ 2 से 3
चम्मच ब्रेड या पराँठे में
लगाकर खाएं।

आयुर्वेद के कई ग्रंथों में

लिखा है कि-
यदि बहुत लम्बे समय तक
यदि सर्दी-,खाँसी
जुकाम, निमोनिया
बना रहता है,तो

जल्दी बुढापा आने के लक्षण हैं।

कफ दोष के कारण
केश पतन तथा कम उम्र में
बाल सफेद होने लगते हैं।
सिर की जड़ें कमजोर हो जाती हैं।
बाल पतले होकर झड़ने,टूटने
लगते हैं।

यदि बालों की समस्याओं से

जूझ रहे हैं,तो
इसका सर्वोत्तम हल है-
अमृतम द्वारा निर्मित
वर्षों पुराना शुद्ध हर्बल फार्मूला
यह अदभुत केशवर्द्धक ओषधि है।

कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा

इसमें त्रिफला आदि 27 जड़ीबूटियों
का काढ़ा है जो
चिपचिपाहट रहित है।

बालों में तेल कब लगाएं

प्राचीन हर्बल चिकित्सा शास्त्रों
का मत है कि हमेशा
बाल धोने से 2 दिन पूर्व

"कुन्तल केयर हर्बल हेयर ऑयल"

हल्के हाथों से सुबह-शाम तेल
लगाकर कसकर बांधना चाहिए।
फिर,
से केश धोवन करें।
यह बालों की जड़ों में जमी
गन्दगी,रूसी को अन्दर से साफ
करता है।
 
बालों की जड़ों को अन्दर
से मजबूती देने तथा घने-काले
बालों की चाहत है,तो

"कुन्तल केयर हर्बल हेयर माल्ट"

राहत  व पौष्टिकता प्रदान करता है।
बालों की जड़ों को मजबूत बनाकर
मानसिक विकृतियों एवं सिरदर्द
दूर करता है।
बालों को खूबसूरती प्रदान
करना इसका विलक्षण गुण है।

विशेष आग्रह

"अमृतम"
की वेवसाइट
 
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उपलब्ध हैं।
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