आज हम अपनी अमृतम रसोई से एक और बेहतरीन आयुर्वेदिक औषधि के बारें में बात करेंगे - लौंग जो स्वाद की दृष्टि से तो है ही ब्लकि स्वास्थ्य की दृष्टिसे भी उपयोगी है। यह भारत के हर घर की रसोई में आपको मिल जायेगी। यह एक खुशबुदार मसाला है। जिसे खाने मे स्वाद के लिये डाला जाता है। और इसका उपयोग धार्मिक पूजा में भी किया जाता है। इसको अंग्रेजी में क्लोव कहा जाता है। यह काले रंग का होता है। इसका उत्पादन मुख्यतः इंडोनेशिया, भारत, श्रीलंका और मेडागास्कर आदि देशो. में होता है।
यह बात आपको शायद आर्श्चय चकित करे कि अठारहवी शताब्दी में ब्रिटेन में लौंग का मुल्य उसके वजन के सोने के बराबर होता है। लौंग को बहुत से नामो से जाना जाता है। जैस हिन्दी में लंग, बंगला संस्कृत और कन्नड़ में लवंग, पंजाबी और उर्द में लौंग, गुजराती में लवंगा, उडिया में लबंग, मराठी में लुबाँग, मलयालम में ग्राँपू, तमिल में किराम्बू, लवंगं और तेलगु में लवंगलु कहा जाता है। अच्छे लौंग की पहचान करने के लिये लोंग को दबाकर देखते है दबाने से लौंग में खु शबु, स्वाद में तीखी और तेल जैसा आभास हो वही अच्छी लौंग होती है।
लौंग एक सदाबहार वृक्ष है। जो रेतीली जमीन छोडकर सभी उगाया जाता है। लेकिन केरल की लाल मिटटी और पष्चिम के तटीय इलाके इसकी खेती के ज्यादा उपयुक्त है।
लौंग में विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व पाये जाते है। इसमे युगेनोल नामक महत्वपूर्ण यौगिक पाया जाता है। इसमे फाइबर विटामिन्स और खनिज प्रचुर मात्रा पाया जाता हैं जो हमारे स्वास्थ्य के लिये बेहतरीन औषधि है। लौंग में अन्य पोषक तत्व भी पाये जाते है। जैसे- पोटेशियम, सोडियम, फॉस्फोरस, लौहा, मेंगनीज, आयोडिन, कैल्शियम, मैग्नी शियम और विटामिन ई भी पाया जाता है।
लौंग के लाभ
1.लौंग बालो के लिये बहुत फायदेमंद है। कुंतल केयर हेयर ऑयल से मसाज करने से बालो का झडना कम होता है। और बाल काले लम्बे और मुलायम होते है। बालों की समस्या भी कम हो जाती है।
2.सभी प्रकार के दर्द और जोडो के दर्द में लाभकारी है। ऑर्थोकी पैन आयल से यहाँ दर्द हो रहा हो वहाँ मालिश करने से दर्द में राहत मिलती है।सभी प्रकार के नसों का दर्द और जोडों का दर्द में यह लाभकारी है
3.लौंग के तेल और गर्म पानी को मिलाकर गरारे करने से पायरिया रोग नश्ट हो जाता है। और दाँतो के दर्द में लौंग के तेल का फोहा रखने से दर्द में राहत मिलता है। दाँतो में कीडे लग गये हो तो लौंग के तेल रखने से कीडे नष्ट हो जाते है।
4.लौंग को भूनकर मुँह में दबा लें खाँसी में राहत मिलती है। 5-6 लौंग को भूनकर पीस लें इसमें श हद मिलाकर छोटे बच्चों का चटाये खाँसी में असरदार होती है।
5. मुँह में से दुगंर्ध आ रही है तो लौंग को भुनकर मुँह में दबा लें दुगंर्ध आना बंद हो जाती है।
6.जो लोग तनाव मे हो तो तनाव को दूर करने के लिये नहाने के पानी लोंग के तेल की कुछ बूँदे डाल लेनी चाहिये। या लोंग से बनी चाय पीनी चाहिये। यूगेनोल लोंग में मौजुद ऐसा तत्व है जो माँसपेशियो को आराम देता है।
7.लौंग में एन्टीबायोटिक गुण के कारण बैक्टीरिया से उत्पन्न मुँहासो को खत्म करता है।
8.गर्भावस्था में उल्टी और उबकाई की समस्या बनी रहती है इस दौरान लोंग के चूर्ण में शहद मिलाकर चाटने से या एक गिलास गर्म पानी में लोंग के तेल की कुछ बूँदे डाल लो और धीरे-धीरे पीये। इससे उल्टी में राहत मिलेगी। रूमाल पर इसकी कुछ बूँदे डाले इसकी सुंगध से उबकाई नही होगी चाहें तो दो-तीन लोंग भी चबाकर खा सकते है।
9.लोंग के तेल को सिर पर लगाने से सिर दर्द खत्म हो जाता है।
10.लोंग के तेल का इस्तेमाल जहरीले कीडे काटने या कट लग जाने या घाव पर लगाने या फंगल इंफेक्सशन पर भी कर सकते है।
लौंग की हानि
लौंग की तासीर गर्म होती है। इसका अति ज्यादा सेवन करना नुकसान दायक होता है। इसलिये लोंग को जरूरत ज्यादा नही खाना चाहियें।
1.लौंग की तासीर गर्म होने के कारण इसका अति ज्यादा इस्तेमाल करने से गर्दो और आंतो को नुकसान पहुँचाता है।
2.लौंग के अधिक सेवन से शरीर में हल्की जलन होती है।
3. लौंग के ज्यादा उपयोग इसमें उपस्थित यौगिक रक्त को पतला करता है जिससे ब्लीडिग ज्यादा होने की संभावना होती है।
4.जिन लोगो का रक्त शर्करा स्तर सामान्य से कम होता है। उन लोगो को इसका सेवन नही करना चाहिये यदि आप इसका सेवन कर रहे हो तो आपको समय-समय पर अपने रक्त शर्करा स्तर की जाँच करते रहना चाहिये।
लोंग के इस्तेमाल थोडी सावधानी जरूर रखनी चाहियें क्योकि किसी भी चीज की अति अच्छी नही होती है। हम इसका उपयोग उचित मात्रा में करेगे तो हमें इसका लाभ मिलेगा। वरना हमें नुकसान उठाना पड सकता है।