सर्दी में रहें सावधान | कैसे बचें प्रदुषण से ?

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सर्दी में रहें सावधान | कैसे बचें प्रदुषण से ?

दुनियाभर में बढ़ रहा है --

दूषित जलवायु और प्रदूषण के कारण

बेशुमार बीमारियों का खतरा
शिकागो के प्रोफेसर माइकल ग्रीनस्टोन के
मुताबिक कोई भी व्यक्ति प्रदूषण की समस्याओं से बचने के लिये कुछ खास नहीं कर सकता।
प्रदूषण के दुष्प्रभाव का सबसे ज्यादा खतरा मानव के शरीर और स्वास्थ्य पर पड़ रहा है। दुनियाभर में प्रदूषण की वजह से 45फीसदी लोग कई तरह के रोगों से पीड़ित हो रहे हैं।

जिसमें फेफड़ों का संक्रमण सर्वाधिक है।
बढ़ते तापमान, दूषित खानपान और जानलेवा
प्रदूषण के कारण लोगों की औसत आयु दिनों दिन घटती जा रही है। इससे सबसे अधिक नुकसान बच्चों को हो रहा है।
अकेले भारत में ही प्रदूषित वायु व प्रदूषण के कारण एक तिहाई जनसंख्या सर्दी-खाँसी एवं एलर्जी की शिकार हो चुकी है, जिसमें बच्चे व युवा वर्ग ज्यादा है।  यह आंकड़ा और भी अधिक हो सकता है।

 एक सर्वेक्षण के अनुसार 

 बढ़ते प्रदूषण की वजह से जलवायु परिवर्तन का खतरा भी बढ़ता जा रहा है।
 लासेन्ट जर्नल की ताजा रिपोर्ट के अनुसार
 सन 2000 से 2017 के बीच दुनियाभर में लगभग 16 करोड़ लोग दूषित जलवायु की वजह से मुसीबत के दायरे में आ गए
जबकि 2016 में करीब 14 करोड़ जोखिम के दायरे में थे।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक
विश्व की 550 करोड़  यानि 75% से अधिक जनसंख्या बहुत ही प्रदूषित स्थानों पर निवास कर रही है, जहाँ अक्सर 24 घंटे धूल, धुंआ, गन्दगी, मैला रहता है। यहां का पॉल्यूशन निर्धारित मानकों से भी दोगुना तक है।
 
 भारत में प्रदूषण का दुष्प्रभाव
 टी बी (Tuberculois) और ध्रूमपान जैसी बीमारियों से भी ज्यादा है। प्रदूषण की चपेट में आने वाले लोग सर्वाधिक भारत में ही हैं।
 प्रदूषण से होने वाली बीमारियां
 प्रदूषण के कारण रोगों के लक्षण
 एक शोध में बताया है कि दुनिया में औसत आयु में कमी तथा स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव की मुख्य वजह प्रदूषण ही है।
बार-बार खाँसी, जुकाम होना,
किसी भी चीज से एलर्जी हो जाना,
कमजोरी, प्रतिरोधक क्षमता कम होते जाना,
अक्सर मलेरिया,बुखार,फीवर व ज्वर से पीड़ित होना। छाती में भारीपन रहना, सुखी खाँसी होना ये सब बीमारियां प्रदूषण के कारण हो सकती हैं।
 प्रदूषण से होने वाली बीमारियों का

  आयुर्वेद में शर्तिया इलाज है।

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तथा असंख्य-असाध्य विकारों,
रोगों का काम खत्म  
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