क्यों जरूरी है बी फेराल गोल्ड माल्ट

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Men's Sexual Health


दुनिया का सबसे बड़ा आकर्षण है "सेक्स"

सेक्स/SEX-  जो कि दुनिया का सबसे प्रसिद्ध वाक्य है। विश्व की 95% लोगों की इसमें
दिलचस्पी होती है। सेक्स के विषय में कई विचार, कई धारणाएं ऐसी हैं, जो विज्ञान, शोध/ रिसर्च एवं ग्रंथो के पैमाने पर ग़लत साबित हुई हैं। फिर, भी सेक्स के प्रति लोगों का इतना आकर्षण है कि सेक्स की बात चलते ही हर कोई रिलेक्स महसूस करता है।
सेक्स का ख़्याल ऐसा है कि - लोगों के खाल-खाल/अंग-अंग में समाया हुआ है यह दिमाग से जाता ही नहीं है। सेक्स अमृत भी और जहर भी, जो सबके जहन में वर्षों से बसा हुआ है।

पार्टनर हो साथ, तो तनाव से राहत

● कैलिफोर्निया की मनोचिकित्सक
"शीनी एमबरदर" का कहना है कि अपने पार्टनर/पत्नी/महिला के करीब होने से चिंता और तनाव में कमी आती है. एक दूसरे की त्वचा से संपर्क में आने से मस्तिष्क में ऐसे रसायन/केमिकल सक्रिय होते हैं, जो खुशी का अनुभव करते हैं।

 
●● शिकागो की "महिला चिकित्सक लॉरीन श्ट्राइशर"  बताती हैं, "ज्यादा सेक्स करने से सुन्दरता व कामुकता में वृद्धि होती है." प्रतिदिन सेक्स करने से महिलाओं की यौन इच्छा में इजाफा होता है। योनि/Vagina/वेजाइना  में रक्त प्रवाह/ब्लड सर्कुलेशन बेहतर होकर, योनि सम्बंधित विकार जैसे सफेद पानी आना/वाइट डिस्चार्ज/लिकोरिया आदि रोग दूर होते हैं।
 
●●● रिसर्च में पाया गया है कि सेक्स करने से रक्तचाप  पर भी सकारात्मक प्रभाव होता है। सामान्य रूप से ब्लड प्रेशर 120/80 होना चाहिए, इसमें 120 सिस्टॉलिक और 80 डायस्टॉलिक होता है।

क्या है-सिस्टॉलिक एवं डायस्टॉलिक --

किसी व्यक्ति का रक्तचाप, सिस्टोलिक/डायास्टोलिक रक्तचाप के रूप में अभिव्यक्त किया जाता है। जैसे कि १२०/८० सिस्टोलिक अर्थात ऊपर की संख्या धमनियों में दाब को दर्शाती है। इसमें हृदय की मांसपेशियां संकुचित होकर धमनियों में खून को पंप करती हैं। डायालोस्टिक रक्त चाप अर्थात नीचे वाली संख्या धमनियों में उस दाब को दर्शाती है
सेक्स से सिस्टॉलिक प्रेशर में कमी आती है.
संभोग के बाद नींद अच्छी आती है। ऐसा सिर्फ इसलिए नहीं होता कि रतिक्रिया के दौरान शरीर का एक्सरसाइज होता है बल्कि ऑर्गेज्म के बाद शरीर में प्रोलैक्टिन नाम का हार्मोन निकलता है, जो तनाव से मुक्ति और बेहतर नींद के लिए सहायक होता है.

कब हुआ प्रादुर्भाव-

वैज्ञानिक अनुसंधानों तथा अध्ययन के लगातार शोधों/रिसर्च करने के बावजूद यह पता नहीं लग सका कि यौन संबंधों की शुरूआत, कब कहां और कैसे हुई। सेक्स आज भी पहेली ही बना हुआ है। सेक्स के बारे में कई तरह के क़यास लगाए जाते हैं लेकिन पूरे विश्वास के साथ कुछ नहीं कहा जा सकता।

सेक्स पर रिसर्च-

"टैक्‍सास यूनिवर्सिटी" के मनोविज्ञान विभाग के "प्रोफेसर्स सिंडी मेस्टन" और "डेविड बस" ने भारतीय "कामशास्त्र,रतिरहस्य" आदि ग्रंथों का अध्ययन कर एक किताब लिखी है। इस किताब का नाम है "वॉय वुमन हैव सेक्‍स"। इस शोध में सेक्स के बारे में महिलाओं के मन में सेक्स को लेकर क्या विचार चलते रहते हैं, बहुत विस्तार से बताया गया है।

महिलाओं के मन की बातें-

इस किताब में सेक्‍स संबंधों को लेकर महिलाएं क्‍या सोचती है ? इस सवाल पर कई रोचक खुलासे करती है। इस शोध में  200 कारण बताए गए है जिनके चलते स्त्रियां किसी पुरुष के साथ शारीरिक रिलेशन बनाती हैं या उसे पसंद करती
 
【】एक महिला ने कहा - सेक्स की सन्तुष्टि/तृप्ति से परम् आनंद की प्राप्ति होती है। मन धार्मिक को जाता है। मानसिक शांति और आध्यात्मिक अहसास होता है। उस स्त्री ने दावा किया कि सेक्स ईश्वर को करीब से महसूस करने का जरिया है।
【】 84 फीसदी महिलाओं ने माना कि वह सेक्स इसलिए करती हैं ताकि उनके तन-मन स्वस्थ्य रहे और जिंदगी में शांति बनी रहे या उनकी घर - संसार की जरूरतें पूरी होती रहें।
 
【】एक महिला ने अपना अनुभव शेयर करते हुए  बताया की सेक्स करने से निराशा/डिप्रेशन/बोरियत तत्काल दूर हो जाते हैं। क्योंकि सेक्स करना अपने आप से लड़ने से कहीं आसान है।
【】कुछ महिलाओं ने माना कि लिए सेक्स माइग्रेन और सिरदर्द दूर भगाने का उपचार है।
【】कुछ अधेड़ उम्र की ने कहा कि कभी-कभी सेक्स की इच्छा दबाने से कम-ज्यादा सिरदर्द हो सकता है।
 
【】शोधकर्ताओं ने लिखा है कि रिसर्च में कुछ महिलाओं ने ऐसी बातें भी कहीं जिन्हें सुनकर हैरानी हो सकती है। कुछ महिलाएं महज़ दयाभाव के कारण पुरुषों के साथ हम बिस्तर होती हैं। जबकि कुछ महिलाएं अपने शरीर की तृप्ति एवं स्वार्थ के लिए सेक्स का इस्तेमाल करती हैं जैसे रुपये - पैसों के लिए , और दूसरी कीमतों/भौतिक वस्तुओ को पाने के लिए।
【】कुछ महिलाओं ने बताया कि हमने अन्य लोगों के साथ इसलिए शारीरिक रिलेशन बनाए क्योंकि उसने मेरे लिए एक शानदार पार्टी का आयोजन किया या उसने मुझ पर काफी धन व्यय किया।
 
【】"यूनिवर्सिटी स्टूडंट्स" पर किए गए इस सर्वे में 10 में से 6 ने माना कि वह आमतौर पर ऐसे पुरुष के साथ सो चुकी हैं जो उनका बॉयफ्रेंड नहीं हैं। कुछ ने कहा - वह सेक्स इसलिए करती हैं ताकि अपनी सेक्सुअल परफॉर्मंस को इंप्रूव कर सकें। यही बताते हुए एक स्टूडंट ने कहा - मैंने अपने बॉयफ्रेंड के साथ इसलिए सेक्स किया ताकि मैं अपने
सेक्सुअल स्किल्स को और बेहतर बना सकूं।
 
【】इस रिसर्च में यह भी पता चला कि महिलाएं ऐसे पुरुषों पर ज्यादा आकर्षित होती हैं जो लंबे हों , जिनकी आवाज़ रौबदार हो और जिनके शरीर से मदहोश कर देने वाली महक आती हो। जिनकी बात में वजनदारी हो। वफादार हों।

सेक्स से असंतुष्ट महिलाएं-

"एशिया पैसेफिक सैक्सुअल हैल्थ ऐंड ओवरआल वैलनैस" द्वारा एशिया पैसेफिक क्षेत्र में 12 देशों में की गई एक रिसर्च के अनुसार एशिया पैसेफिक क्षेत्र में 57% पुरुष व 64% महिलाएं अपने यौन जीवन से संतुष्ट नहीं हैं. इसमें आस्ट्रेलिया, चीन, हांगकांग, भारत, इंडोनेशिया, जापान, मलयेशिया, फिलीपींस, सिंगापुर, ताइवान आदि देशों को शामिल किया गया था। यह रिसर्च 25 से ले कर 74 वर्ष के यौन सक्रिय स्त्री-पुरुषों पर की गई थी। सब से प्रमुख बात, जो इस रिसर्च में सामने आई, वह यह थी कि पुरुषों में इरैक्टाइल हार्डनैस होना
 
पुरुषेन्द्रीय में कमी होने के कारण पति पत्नी दोनों ही सैक्स संबंधों को लेकर खुश नहीं रहते हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि इरैक्टाइल हार्डनैस का संबंध सैक्स के साथसाथ प्यार, रोमांस, पारिवारिक जीवन व जीवनसाथी की भूमिका निभाने के साथ जुड़ा है। जीवन के प्रति देखने का उन का नजरिया भी काफी हद तक सैक्स संतुष्टि के साथ जुड़ा हुआ है।
 
संतोषजनक संभोग के लिए लगातार पर्याप्त इरेक्शन/उन्नत शिश्न/कड़कपन न होने को इरेक्टल डिस्फंगक्शन (सेक्स के लिए पुरुष के लिंग में पर्याप्त तनाव या कड़ापन न होना) कहा जाता है। अगर यह एक या दो बार हो तो इतनी चिंता की बात नहीं है, लेकिन अगर यह कमजोरी रोज ही होने लगे तो आपको सचेत हो जाना चाहिये। क्योंकि यह नपुंसकता के लक्षणों की शुरुआत है।
 
नपुंसकता नामक इस बीमारी के कई कारण हो सकते हैं। जैसे गृहक्लेश, मानसिक दबाव
मनोरोग, चिड़चिड़ापन, क्रोध, तनाव, चिन्ता
और अवसाद/डिप्रेशन/ शराब/ड्रग का नशा, धुम्रपान, मोटापा, मधुमेह, हृदय रोग, पेनिस में रक्त का प्रवाह कम होना या उच्च रक्त चाप/बी.पी। हाई रहना आदि
 
"सिडनी सैंटर फौर सैक्सुअल ऐंड रिलेशनशिप थेरैपी"- सिडनी, आस्ट्रेलिया की यौन स्वास्थ्य चिकित्सक "डा.रोजी किंग" के अनुसार, ‘‘एशिया पैसेफिक के इस सर्वेक्षण से ये तथ्य सामने आए हैं कि यौन जीवन संतुष्टिदायक होने पर ही व्यक्ति पूर्णरूप से स्वस्थ रह सकता है।आज की भागम-भाग  जीवनशैली में जबकि यौन संबंध कैरियर की तुलना में प्राथमिकता पर नहीं रहे, पुरुष व महिलाओं दोनों में ही यौन असंतुष्टि उच्च स्तर पर है। इस की मूल वजह अपनी सैक्स संबंधित समस्याओं के बारे में न तो आपस में और न ही अन्य किसी से  बात करना है।

कम होती एवरेज

सदियों से कामसूत्र की जन्मभूमि भारत रहा है। खजुराहो, आदि अनेक स्थानों पर ऐसी मूर्तियों का निर्माण किया गया जिन पर सदियों पहले यौन क्रीडा से जुड़ी विभिन्न भंगिमाओें/चित्रों को उकेरा गया था।
 
भारत के लोग सैक्स जीवन की प्राथमिकताओं में 17वें नंबर पर और महिलाएं 14वें नंबर पर आती हैं।
कारण
वर्तमान युग में नई युवा पीढ़ी पर गौर करें, तो आज  पाएंगे कि वे दिन में 14 घंटे काम करते हैं, एवं रोज 2 घंटे आने-जाने में गुजार देते हैं।इन सब के बीच सैक्स संबंध बनाना एक जरूरत न होकर सेक्स कभी-कभी ध्यान आ जाने वाली क्रिया मात्र बन कर रह जाता है।

40 के बाद-दें शरीर को खाद

सेक्स की सही जरूरत 40 की उम्र के बाद ज्यादा होती है।
 "लीलावती अस्पताल"-- मुंबई के ऐंड्रोलोजिस्ट "डा. रूपिन शाह" का इस संदर्भ में कहना है, ‘‘प्रत्येक 2 में से 1 भारतीय शहरी पुरुष में पर्याप्त इरैक्टाइल हार्डनैस नहीं होती,
जब कि देखा गया है कि
40 से कम उम्र की औरतों की सैक्स की मांग अत्यधिक होने के कारण वे एक तरफ जहां अपनी सैक्स संतुष्टि को लेकर चेतन्य
 रहती हैं, वहीं वे पार्टनर के सुख न दे पाने के कारण परेशान हो जाती हैं।

जल्दीबाजी से नुकसान -

नीमहकीमों से इलाज कराने या बहुत जल्दी उत्तेजना बढ़ाने वाली केमिकल युक्त केप्सूल/टेबलेट शरीर को खोखला कर देते हैं। कुछ ज्यादा ताकत दिखाने या जल्दी फायदे के चक्कर में हमेशा के लिए लोग नपुंसकता के शिकार हो जाते हैं।
 
ड्यूरैक्स सैक्सुअल वैलबीइंग ग्लोबल सर्वे के अनुसार भारतीय पुरुष व महिलाएं अपने सैक्स जीवन से संतुष्ट नहीं हैं। और्गेज्म तक पहुंचना प्रमुख लक्ष्य होता है और केवल 46% भारतीय मानते हैं कि उन्हें वास्तव में और्गेज्म प्राप्त हुआ है, जबकि ऐसी महिलाएं भी हैं, जो यह भी नहीं जानतीं कि और्गेज्म होता क्या है, क्योंकि एक महिला को इस तक पहुंचने में पुरुष से 10 गुना ज्यादा समय लगता है। पुरुष 3 मिनट में संतुष्ट हो जाता है, ऐसे में वह औरत को और्गेज्म प्राप्त होने का इंतजार कैसे कर सकता है। वैसे भी आज भी भारतीय पुरुष के लिए केवल अपनी संतुष्टि माने रखती है.

कैसे बढ़ाएं यौन उत्तेजना-

आयुर्वेदिक इलाज-
यदि सेक्सुअल वीकनेस है, तो  कहीं न भटके। बहुत धैर्य के साथ 15 से 20 दिन आयुर्वेदिक चिकित्सा लेना बहुत फायदेमन्द होता है। सभी पुरुषार्थ सम्बन्धी कमजोरी दूर करने के लिए, खोई हुई ताकत वापस लाने के लिए, नपुंसकता मिटाने के लिए
  
 B.FERAL GOLD MALT & CAPSULE
 की मदद से यौन संबंधों में कमी/असंतोष/असंतुष्टि/अतृप्ति एवं आपस में व्याप्त तनाव को दूर किया जा सकता है।

 क्यों जरूरी है बी फेराल-

 आयुर्वेद का नियम है कि जब तक अंदरूनी तकलीफें हैं, तब तक रोगों से पीछा छुड़ाना
 मुश्किल होता है। पाचन तन्त्र/मेटाबोलिज्म/चयापचय की खराबी सब बीमारियों का मूल कारण है। भोजन के सही पचने से शरीर में रस का निर्माण होता है। यही रस फिर, रक्त/खून बनाता है और यह दोनों वीर्य/शुक्राणुओं को निर्मित करते हैं।
 बी फेराल माल्ट एक बैलेंस हर्बल फार्मूला है,
 जिसमें ताकतवर मुरब्बे- मेवा मसालों, रस-भस्मों का समावेश किया गया है।
 सेक्स का सम्बन्ध मनोविज्ञान से भी है। नई खोजों से पता चला है कि कई मामलों में शारीरिक कमजोरी न होकर मनोवैज्ञानिक रूप से कुछ लोग सेक्स के लिए स्वयम को अक्षम समझने लगते हैं। इसलिये पहली बार मनोवैज्ञानिक एवं मानसिक रूप से मजबूत/स्ट्रांग बनाने के लिए बी फेराल में
स्मृतिसागर रस और जटामांसी का इसमें विशेष रूप मिश्रण किया गया है, ताकि कोई भी व्यक्ति अपने-आप को सेक्स के लिए काबिल बना सके।
आयुर्वेद मानता है की सेक्स की संतुष्टि के लिए
मानसिक और शारीरिक रूप से शक्तिशाली
होना आवश्यक है।
एक खाद- दूर करे 100 विवाद
बी फेराल एक ऐसी हर्बलओषधि  है जो शरीर में सब तरह के प्रोटीन, विटामिन, केल्शियम एवं अनेक आवश्यक खनिज पदार्थो की पूर्ति करता है।
अच्छी फसल के लिए जमीन को खाद देना जरूरी है। उसी प्रकार शरीर को ताकतवर बनाने के लिए हर्बल मेडिसिन के रूप में खाद का सेवन जरूरी है।बी फेराल पूरी तरह हानिरहित ओषधि है। इसके साइड इफ़ेक्ट बिल्कुल भी नहीं है, बल्कि बहुत सारे साइड वेनिफिट/Side Benefit है। यह पूरी तरह निरापद है।
 
इसे जीवन भर बिना किसी की सलाह के जीवन भर लिया जा सकता है और ताउम्र सेक्स का आनंद लिया जा सकता है
बी फेराल में शिलाजीत, गुग्गल, सहस्त्रवीर्या, अश्वगंधा, कोंच के बीज, इमली बीज, तालमखाना, महत्वपूर्ण शक्तिदायक ओषधियों को इसलिए मिलाया है, ताकि आपका अंग-अंग क्रियाशील/ऊर्जा-उमंग से भर रहे।
आवला मुरब्बा जिसे सर्वश्रेष्ठ एंटीऑक्सीडेंट कहा गया है। सेव मुरब्बा तथा हरीतकी/हरड़ मुरब्बा पाचनप्रणाली को पूरी तरह ठीक/करेक्ट कर भूख बढ़ाता है और जब भूख खुलकर लगेगी, तो निश्चित खून की वृद्धि होकर रक्त का संचार/ब्लडसर्कुलेशन भी बेहतरीन होगा। इन सब नियमित क्रियायों के कारण शरीर में वीर्य की मात्रा तेजी से बढ़ने लगती है।
◆ वीर्य बहुत गाढ़ा होने लगता है।
◆◆ वीर्य के गाढ़ा होने पर ही शिश्न/लिंग में कड़कपन आता है।
◆◆◆ सेक्सुअल पॉवर बहुत तेजी से बढ़ता है।
◆◆◆◆ पार्टनर को तथा आत्मसंतुष्टि मिलती है।
◆◆◆◆◆ सेक्स की समय सीमा बढ़ जाती है।
◆◆◆◆◆◆ सेक्स की सन्तुष्टि ही खूबसूरती और सुन्दरता बढ़ती है। चेहरा खिला खिला व प्रसन्न रहता है। पारम मानसिक शांति मिलती है।
◆◆◆◆◆◆◆ आपसी प्यार-प्रेम, स्नेह/अपनापन बरसता है।
 
[]  सेक्सुअल पॉवर वृद्धि के लिए यह भी अपनाएं
 [] प्यार/अपनापन/सेक्स की बातें/संवाद व सम्मान भी जरूरी है
 
सेक्स/SEX के प्रति असंतुष्टि की वजह कहीं न कहीं पति-पत्नी के बीच आपसी तालमेल की कमी दिली या मानसिक जुड़ाव का न होना भी है। एक दूसरे का सम्मान न करना भी यौन संतुष्टि मार्ग में बाधक बनता है।
सेक्स का भरपूर आनंद कैसे लिया जावे, इस
 बारे में खुल कर बात न करना या असहमत होना भी सेक्स क्रिया को मात्र मशीनी बना देता है। अपने पार्टनर से अपनी इच्छाओं को साझा कर सैक्स लाइफ को सुखमय बनाया जा सकता है, क्योंकि सेक्स न तो कोई काम है और न ही कोई यांत्रिक व्यवस्था, बल्कि यह वैवाहिक जीवन को कायम रखने वाली ऐसी मजबूत नींव है, जो प्लैजर के साथ-साथ एक दूसरे को प्यार करने की भावना से भी भर देती है.
 
रिसर्च दिखाती है कि नियमित रूप से संभोग करने वाले लोग कम बीमार पड़ते हैं और दफ्तर से कम छुट्टी लेते हैं।
"पेनसिल्वेनिया की विल्क्स यूनिवर्सिटी"  में हुए एक शोध में देखा गया कि हफ्ते में एक से दो बार संभोग करने वालों का इम्यून सिस्टम/रोगप्रतिरोधक क्षमता स्ट्रांग रहता है।
बाकियों की तुलना में ज्यादा मजबूत होता है। उनके शरीर में अधिक एंटीबॉडी मौजूद रहते हैं।

क्या है इम्युनिटी सिस्टम-

इम्यूनिटी हमारे शरीर की टॉक्सिन्स से लड़ने की क्षमता होती है। ये टॉक्सिन्स बक्टीरिया, वायरस, फंगस, पैरासाइट या कोई दूसरे नुकसानदायक पदार्थ हो सकते हैं। अगर हमारी इम्यूनिटी मजबूत है तो यह हमे न सिर्फ सर्दी और खांसी से बचाती है बल्कि हेपैटाइटिस, लंग इनफेक्शन, किडनी इनफेक्शन सहित और कई बीमारियों से हमारा बचाव होता है।
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