प्राचीन प्राकृतिक औषधि मूली | Radish: An Ancient Natural Medicine

।।मूली के संस्कृत नाम ।।

चाणक्य मूलक, भूमिकक्षार, दीर्घ्कंध, क्षरमुलाक, कुञ्जर, नीलकंठ, राजूक, रुचिर । मूली के ये सब नाम वनोषधि चंद्रोदय, आयुर्वेदिक निघंथु, वन बुटी , भावप्रकाश निघण्टु, आदि अमृतम आयुर्वेदिक ग्रंथो में बताये हैं ।मूली के उपयोग- ह्रदय हितकारी, मूत्रदोष, दाद, बवासीर, श्वांस, खांसी, नेत्ररोग कंठरोग नाशक है ।

।। आयुर्वेद की अलमारी से ।।

हल्दी के साथ मूली खाने से बवासीर,शूल ओर ह्रदय रोग का नाश करती है ।

मूली की जड़ पेशाब संबंधी शिकायतों व मधुमेह रोगों का जड़ मूल से नाश करती है ।

अन्य अमृतम उपाय

महिलाओं के मासिक धर्म की रुकावट रहती हो या प्रौढ़ अवस्था मे माहवारी कम या नहीं आती हो , उन्हें दिन भर में एक ग्राम मूली के बीज पीसकर चाय के साथ लेना चाहिये । 21वी सदी की दवाएं जड़ से रोग मिटाये । अमृतम नारी सौन्दर्य माल्ट का नियमित 3 माह तक सेवन करना चाहिये ।

पथरी

मूली के बीजों को पीसकर 200 mg 3 बार 15 दिन तक लगातार लेने से मूत्राशय की पथरी गल जाती है । अमृतम Citrakey सिरप का 3 माह तक सेवन करे ।

मूत्रकष्ट मधुमेह

मूली का स्वरस दिन में 3 बार 3 दिन पीने से जलंन-वेदना मिटकर मधुमेह में लाभ होता है । साथ मे अमृतम Daibkey tablet का सेवन करे ।

मूत्रावरोध ( पेशाब का रुकना )

गुर्दे की खराबी से पेशाब बहना बंद हो जाये, मूली के रस का स्वरस पाइन से पुनः बनने लगता है ।

खूनी बवासीर

कच्ची मूली खाने से बवासीर से गिरने वाले खून बन्द हो जाता है । अमृतम Pileskey malt और Pileskey tablet बवासीर की तासीर ठीक करने हेतु अद्भुत आयुर्वेदिक औषधि है । ये खूनी-वादी दोनो तरह के अर्श रोगों का जड़ से नाश का देती है ।

स्वांस हिचकी

सूखी मूली के टुकड़ों को औटाकर पिलाने से विशेष लाभ होता है ।‎पित्त की गर्मी शांत होकर ‎चिड़चिड़ा पन व क्रोध का नाश होता है । श्वेत कुष्ठ या सफेद दाग मूली के बीजों को अपामार्ग ( चिड़चिड़ा) के पंचांग के साथ पीसकर लेप करने से चमत्कारिक लाभ होता है ।अमृतम Kayakey आयल की नियमित मालिश करने से सभी दाग तथा त्वचरोगो का नाश होता है ।

स्वरभंग

मूली के बीजों को पीसकर गर्मजल के साथ लेने से गला साफ होता है । गले लगातार खराबी, खरखराहट, सर्दी-खांसी जुकाम, फेफड़ो की कमजोरी आदि विकार नाश हेतु । अमृतम Kufkey strong syrup का गर्म पानी के साथ ‎नियमित सेवन करें । नई या बार-बार ‎होने वाली बवासीर के लिए मूली के पत्तों को छाया में सुखाकर उनको पीसकर समान भाग शक्कर मिलाकर, 1-1ग्राम सुबह शाम लेने से बवासीर जड़ से मिट जाती है । प्रतिदिन Pileskey malt का सेवन कर अमृतम तैल का गुदा द्वार पर रुई का फोहा रोज रात में सोते समय लगाएं ।बवासीर जड़ से मिट जाती है ।

बिच्छू का विष

मूली के टुकड़ो पर नमक लगाकर बिच्छू के डंक पर रखने से वेदना शांत होती है ।

कामेन्द्रियों की शिथिलता

मूली के बीजों को तिली तैल में औटाकर उस तैल को लिंग पर लगाने से पतलापन, शिथिलता दूर हो, कठोरता आती है। यौन दुर्बलता,नपुंसकता, कमजोरी नाशक अमृतम का एक असरकारक उत्पाद B. Feral माल्ट एवम कैप्सूल

आनंदमयी ओर शांतिपूर्ण जीवन के लिये वरदान सिद्ध हुआ है , जो 40 के पार वालों का उद्धार करता है ।जीवन का सार, 40 के पार ही समझ आता है । सेक्स का संसार सर्वनाश होने से घर-परिवार में क्लेश होकर, व्यक्ति सरेराह

बदनाम हो जाता है । काम के तमाम ताम-झाम शास्त्रो में काम के विषय में अनाम ओर प्रसिद्ध ऋषियों ने तमाम लिखा, लेकिन इसका स्थाई हल केवल अमृतम आयुर्वेद में है ।

काम की कामना

काम को जानना जरूरी है । काम ही साधना-आराधना है । काम की मनोकामना पूर्ण होने पर ही,तन की ताड़ना, प्रताड़ना, मानसिक यातना का नाश होता है । लालन ( बच्चों) और पालन की प्राप्ति काम से ही संभव है ।काम का आनंद ही सबसे बड़ी शुभकामना ओर प्रर्थना है ।काम ही सुखी जीवन का इंतजाम है ! काम के कारण ही सृष्टि के तमाम ताम-झाम है ।काम के लिए ही लोग रोज शाम को जाम लेने आतुर हो जाते है ।काम की तृप्ति के बाद हीराम -श्याम याद आते हैं । काम की कमी,कमजोरी के कारण सगा भी दगा दे जाता है । पत्नी-परिवार को दगा धोखे का निमित्त काम ही है । जबकि कहा गया है कि- दगा किसी का सगा नहीं है, नहीं किया तो करके देख ।जिसने जग में दगा किया है, उसके जेक घर को देख । संसार के सारे छल कपट, धोखा काम की देन है । काम ही चारों धाम है ।काम के ही सब अंजाम है । दाम, नाम, दुआ सलाम है ।काम इंतकाम की आग है । श्रंगार शतक में उल्लेख है कि काम ही गति और मति है ।श्रीमती आने के बाद जीवन की गति-मति (बुद्धि) बदल जाती है कामतृप्ति के बाद ही दशा-महादशा, दिशा बदल जाती है । इसलिए शादी का उल्टा दिशा होता है । काम ही काम (कर्म) के लिये भगाता है ।

भागम-भाग

भागने से व्यक्ति का भगयोडाय हो पाता है ।काम ही भाग्य-दुर्भाग्य, योग,भोग, रोग,जप तप है । काम के तीर पीर (अशांति) देते रहते हैं । काम एक अनुष्ठान है । इसकी पूर्ण आहुति के बाद ही तन-मन को शकुन मिलता है ।

अमृतम फार्मास्युटिकल्स द्वारा निर्मित B Feral malt ओर कैप्सूल मर्दांगनी प्रदान करना इसका विलक्षण गुण है ।

गर्वीली स्त्रियों, रमणियों के मान-मर्दन हेतु यह एक सक्षम गुणकारी अद्भुत आयुर्वेदिक हानिरहित औषधि है ।

|| अमृतम ||

रोगों का काम खत्म

अदभुत असरकारक आयुर्वेदिक

औषधियों के निर्माता

अमृतम रीडर बनने के लिए धन्यवाद्

 

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 || अमृतम ||

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