जाने- पीसीओएस या पीसीओडी कौन सा स्त्री रोग है। Learn about PCOD/PCOS

Read time : min

जाने- पीसीओएस या पीसीओडी कौन सा स्त्री रोग है। Learn about PCOD/PCOS

लड़कियों की एक खतरनाक बीमारी- पीसीओएस या पीसीओडी क्या है,   अगर जानना चाहते हैं तो इस लेख को तसल्ली से पूरा पढ़ें…..

चिकित्सा जगत के  शोधकर्ताओं ने इसे ओंपॉलीसिस्टिक ओवरियन सिन्ड्रोम,  (Polycystic Ovarian Syndrome)

पीसीओएस या पीसीओडी बताया है।

जिसका आयुर्वेदिक उपचार है।

नारी सौन्दर्य माल्ट, जो भावनात्मक तनाव कम कर सकता है।

पीरियड्स खुल कर ना आना आज की युवा पीढ़ी की लड़कियों के लिए एक बहुत ही खतरनाक स्थिति है।
इससे भविष्य में गर्भवती होने में मुश्किल हो सकती है।
महिलाओं में सेक्स हार्मोन के असंतुलन के कारण अंडाशय में छोटी छोटी गांठ या सिस्ट हो जाती है। जिसके कारण महिलाओं के मासिक धर्म पर असर पड़ता है। अंडाशय में बनने वाली छोटी छोटी गांठें समय के साथ बढ़ने लगती हैं। इससे महिलाओं की प्रजनन क्षमता में कमी आती है। और महिलाएं गर्भधारण करने में असमर्थ हो जाती हैं
पीसीओडी एक ऐसी स्थिति है जिसमें महिलाओं की ओवरी बड़ी हो जाती है और फॉलिकल सिस्ट बहुत छोटा हो जाता है।

पीसीओएस के निम्नानुसार सबसे आम लक्षण हैं।

इसके लक्षणों में

■ मासिक चक्र अनियमित होना,

■ चेहरे और शरीर पर अनचाहे

■ अतिरिक्त बाल का विकास एवं

■ खोपड़ी पर बाल पतला होना

■ बारबार मुहांसे होना, पिगमैंटेशन,

■ अनियमित रूप से पीरियड्स का होना।

■ गर्भधारण में मुश्किल होना।

■ वजन बढ़ना आदि शामिल है।

पीसीओएस या पीसीओडी
महिलाओं के लिए खतरे की घंटी है
.

आजकल बड़ी संख्‍या में लड़कियां इस बीमारी की चपेट में आ रही हैं। इसमें ओवरी में सिस्‍ट बन जाते हैं जिसकी वजह से महिलाओं में बांझपन तक आ सकता है। अगर आपकी माहवारी अनियमित

रहती है या आपको बहुत ज्‍यादा

दर्द रहता है तो आपको तुरंत

अमॄतम नारी सौन्दर्य माल्ट 

का नियमित सेवन शुरू कर देना चाहिए।

क्या पीरियड्स खुल कर ना आने के कारण ही पीसीओडी जैसी परेशानियों से जुझ रही हैं-महिलाएं…..

सही समय पर खुलकर पीरियड आना स्वास्थ्य और सुंदरता के लिए जरूरी है।

तन के अंदर गंदे खून का दूर होना

अत्यन्त आवश्यक है। ऐसा न होने पर

विभिन्न तरह की समस्याएं होने लगती हैं जिसका असर आने वाले समय में आपके शरीर पर साफ़ देखने को मिलेगा। वजन घटना और बढ़ना और यहाँ तक की कम उम्र में ही मेनोपॉज का खतरा भी हो सकता है।

देर रात तक जागना, समय पर न सोना और सूर्यास्त के बाद जागने से तनाव आजकल हर किसी को छोटी उम्र की लड़कियों में होना आम समस्या है। यही पीसीओडी विकार का  सबसे बड़ा कारण है।

हमारी जीवन शैली, दिनचर्या इसका बड़ा कारण है। बाहर का कुछ भी फास्ट फ़ूड खा लेना आदि।

हम रात रात बैठकर मोबाइल चलाना,

चैट करने के कारण समय पर नहीं सो पाते और नींद पूरी नहीं होने के कारण भी

नारी को बीमारी घेर लेती हैं।

खून की कमी होना (कुछ लड़कियों में अनिमिया की समस्या होती है) यह भी पीरियड्स खुल कर न आने का बड़ा कारण है।

बाकी प्रेग्नेंसी, स्तनपान, गर्भ निरोधक गोलियों का निरंतर सेवन, शारीरिक तकलीफें और हेल्थ प्रॉब्लम भी इसके पीछे का कारण हो सकता है।

इसमें जरा भी लापरवाही न बरते क्योंकि अब इस समस्या से लड़कियों में पीसीओडी और पीसीओएस की बीमारी बढ़ रही है।

तुरन्त नारी सौन्दर्य माल्ट का इस्तेमाल कम से कम तीन महीने तक लगातार करें। इस रोग की चिकित्सा केवल आयुर्वेद सम्भव है।

कुछ लड़कियों को मासिक धर्म के परियडस से घृणा है और वो हमेशा कहती हैं कि इनको तो होना ही नहीं चाहिए। ये तो प्रॉब्लम है।

लेकिन आयुर्वेदिक ग्रन्थ भेषजयरत्नावली एवं योगरत्नाकर के अनुसार हर महीने समय पीरियड्स न आना या खुल कर न आना उससे भी बड़ी परेशानी है।

 अपने खाने-पीने की चीजों का विशेष ध्यान रखें, व्यायाम, योगा और घरेलु नुस्खों का इस्तेमाल करें।

जरूरत अनुसार भरपूर नींद लेंवें। अमॄतम आयुर्वेदिक दवाएँ-शतावर, अशोक छाल,

सेव मुरब्बा, त्रिकटु, त्रिफला, गुलकन्द, द्राक्षा, आंवला मुरब्बा, हरड़ आदि बढ़िया काम करते हैं। आयुर्वेद में समय लग सकता है, लेकिन इलाज जड़ से होता है।

 

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Talk to an Ayurvedic Expert!

Imbalances are unique to each person and require customised treatment plans to curb the issue from the root cause fully. Book your consultation - download our app now!

Learn all about Ayurvedic Lifestyle