शराब खराब है या अच्छी, क्या कहता है आयुर्वेद?

शराब खराब है या अच्छी, क्या कहता है आयुर्वेद?

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शराब खराब है या अच्छी, क्या कहता है आयुर्वेद?

भारत में अधिकांश पत्नियों की एक ही शिकायत रहती है कि आदमी शराब बहुत पीता है। हालांकि मर्द थकान मिटाने, गम भुलाने और एनर्जी पाने के लिए दारू को दवा के रूप में ग्रहण करता है।

शराब इतनी बुरी भी नहीं है जितना उसे बदनाम किया गया है। एक सर्वे के मुताबिक दुनिया में 68 फीसदी लोग दारू पीते हैं और अब तो लड़कियां, महिलाएं भी पीकर मस्त हो रही हैं।

  • विश्व स्वास्थ्य संगठन WHO के अनुसार दुनिया भर में शराबियों की संख्या 148 मिलियन है। शराब की वजह से सरकारें चल रही हैं। इससे बहुत ज्यादा टेक्स प्राप्त होता है। पीने वाले एक तरह से ईमानदार इनकम टैक्स पेयर हैं।

क्या करें, जब पति दारू पिये तो…

पति अगर शराब पीता है, तो पीने दो और उसे भी चैन से जीने दो। यदि आपको पीने के लिए मजबूर करे, तो ये अनुचित है।

मदिरापान का शौक मस्तिष्क में शारीरिक बदलाव, जैसे-सहनशीलता, आत्मविश्वास, और शारीरिक निर्भरता लाकर थकान मिटाती है।

  • पति-पत्नी का रिश्ता तभी निभता है, जब दोनों कहें कि-तुम्हारी भी जय-जय, हमारी भी जय-जय। न तुम हारे, न हम हारे।
  • WINE और WIFE में मात्र F का अंतर है। दोनों ही मनोरंजन का सरल साधन है। wife का फुलफॉम जाने-

W- wonderful

I- instrument

F- for

E- Entertainment

  • ऐसे ही वाइन, माइंड की विंडो खोलकर इंटेलिजेंट बनाती है तथा निगेटिव एनर्जी का नाश कर देती है।

Wine का अर्थ भी कुछ ऐसा बताते हैं- W-वन्डरफुल I- इम्युनिटी N-न्यूट्रिक E-एनर्जी है। ध्यान रखे शराब बिल्कुल भी नुकसान दायक नहीं होती।

बगैर दाँत वाले भी उठा लेते है लुत्फ इसका..

ये शराब हैं मेरी जां..इसे चबाना नही पड़ता।

  • शराबी की पत्नी के चेहरे पर अक्सर लालिमा व तेज देखने को मिलता है। शराब से शबाब बढ़ता है। एक बहुत देहाती कहावत है, जो गन्दी जरूर है लेकिन सच भी है-

मांस खाये, बल बढ़े- घी खाये खोपड़ा।

  • शराबी लोग सेक्स करने में दक्ष होते हैं, उन्हें ताकत वृद्धि हेतु अन्य कोई दवा खाने की जरूरत नहीं पड़ती। एक तरीके से वे पूर्ण मर्द होते हैं।
  • सेक्सुअल कमजोरी हो, तो बी फेराल का इस्तेमाल करें। यह पुरुषार्थ वृद्धि तथा मर्दाना शक्ति बढाने में जबरदस्त कारगर है-

                                    B. Feral Malt and Capsules- B. Feral Combo

  • शराब को देवताओं का अमृत कहा गया है। वैदिक ग्रन्थों में इसे संजीवनी सुरा बताया है। शराबी की बीबी में कभी खराबी नहीं आती और वो अधेड़ उम्र में भी जवान दिखती है। सोमरोग/पीसीओडी, लिकोरिया, श्वेत प्रदर आदि स्त्री रोगों से सुरक्षित रहती हैं।
    • शराब के ऊपर दुनिया में अनेक गीत, गजल, काव्यों की रचना हुई। अगर ये खराब होती, तो फिल्मों में गाने नहीं गाये जाते।

शराब कभी बुरी नहीं होती “अशोक”

बस किसी को ढंग से पीना नहीं आता।

  • शराब में ज्यादा पानी मिलाकर पीने से जवानी भी बनी रहती है और कोई नुकसान भी नहीं होता।
  • दुनिया में कुछ लोग बुर को बुरा बोलते हैं, लेकिन इससे अच्छी कोई चीज ही नहीं है।

शराब में ज्यादा पानी मिलाकर पीने से जवानी भी बनी रहती है और कोई नुकसान भी नहीं होता।

आयुर्वेद में भी शराब के बहुत फायदे लिखे हैं..

  • दारू दो शब्दों से मिलकर बना है-
    दा+रु अर्थात दा से बना दाह, यानि अग्नि, ऊर्जा-शक्ति, पॉवर, एनर्जी और रु का अर्थ है रूह यानि– शरीर का रग-रग। दारू से अर्थ है, जो तन-मन की रूह में एनर्जी पैदा कर दे, जो शरीर को ऊर्जा से भर दे, उसे दारू कहते हैं।
    यदि आप सोचते हैं कि दारू से हानि होगी, तो इसे भूलकर भी न पीयें।
    • वैसे पीने वाले या बिना पीने वाले बीमार दोनो ही पड़ते हैं।

शराब – दारू -Wine- मदिरा या मद्य पान से होने वाली हानि और लाभ…

शराब को मूत या मूत्र क्यों कहते हैं-

  • कुछ लोगों ने शराब जैसे अमृत को मूत बना दिया। दरअसल अधिकांश पेय पीने वाले पियक्कड़ रात को दारू पीकर खाना खाकर सो जाते हैं। सुबह उठते ही बाथरूम में जाकर मूत आते हैं। इसलिए शराब को मूत भी कहते हैं।

शराब अमृत है जाने-क्यों, कैसे?…शराब संजीवनी बन जाती है अगर ठीक से पीने का सलीका या तरीका सीख जाएं तो….

  • अगर आप शराब पीने का लुफ्त उठाना चाहते हैं, तो सुबह उठते ही एक क्वार्टर दारू को एक से 2 लीटर पानी में मिलाकर दिन के 12 बजे तक पियें।इसके बाद स्नान-ध्यान कर हल्का भोजन लेवें।

तत्पश्चात 2 बजे फिर एक क्वार्टर शराब की लेकर फिर उसे एक से डेढ़ लीटर पानी में मिलाकर इसे शाम 6 बजे तक निपटाएं।

  • तीसरी बार शराब पीने की प्रक्रिया शाम 8 बजे से पुनः उपरोक्त तरीके से अपनाएं। और रात को अपनी सुविधानुसार भोजन प्रसादी लेकर बीबी के साथ बिस्तर गर्म करना हो, तो करें अन्यथा सो जाएं।
  • इस प्रकार यह तीन प्रहर की पी हुई शराब से तीनों मुख्य देवता ब्रह्मा-विष्णु-महेश की पूर्ण कृपा होने लगेगी। शराबियों की एक कहावत शायद आपने कभी सुनी होगी कि-

व्हिस्की में विष्णु बसें, रम में बसें श्रीराम।

जिन में बसें श्री जानकी, ठर्रा में हनुमान।।

  • सेक्स हो या शबाब इसका आनंद भी शराब के बाद ही आता है। यह बात किसी शराबी की घरवाली पूछ सकते हैं। शराब सब नशों में सबसे अच्छा नशा होता है। यह जानकारी के लिए क्या कहती हैं-दरूओं कि बीबियाँ-

चरसी की तरसी, अफीमची की राढ़!

शराब की कहती है, आता होगा मेरा साढ़!!

शराब पीने से प्यार में सफलता..
लड़खड़ाये कदम तो
गिरे उनकी बाँहों मे,
आज हमारा पीना ही
हमारे काम आ गया।

  • पीने वालों की पॉजिटिव सोच..
    मैं खुदा का नाम लेकर
    पी रहा हूँ दोस्तों,
    ज़हर भी इसमें अगर होगा,
    तो दवा हो जाएगा,
    सब उसी के हैं-
    हवा, खुशबू, ज़मीनो-आसमाँ,
    मैं जहाँ भी जाऊँगा
    उसको पता हो जाएगा।

गुलजार साहब लिखते हैं

दारु चढ के उतर जाती है
पैसा चढ जाये तो उतरता नहीं।
आप अपने नशे में जीते है
हम जरा सी शराब पीते है……

तब भी आज तक मस्त-स्वथ्य हैं।

आप शराब पियें या न पिएं। कुछ भी कर लो.
बुढ़ापे में औरत का फिगर और
आदमी का लिवर खराब
हो ही जाता है।

मन के हारे हार है,
मन के जीते जीत…
लोगों ने एक चलन बना रखा है कि-
अमुक चीज खाने-पीने से हानि होगी।
इस तरह के नकारात्मक विचार तन को तार नहीं पाते।

  • आयुर्वेद के मुताबिक हमारे शरीर की बनावट ऐसी है किप्रबल इच्छा शक्ति की दम पर हम पत्थर को भी पचा सकते हैं।
    आधी से ज्यादा व्याधि, तो हम लोग केवल खाद्य-पदार्थ के बारे में गलत सोचने के कारण उत्पन्न कर लेते हैं।
    सन्सार में भाव-कुभाव का ही प्रभाव है।
    विकृत भाव पैदा करके हम जबरदस्ती तनाव की नाव में बैठ जाते हैं। इससे
    ■ शरीर की शक्ति दिनों-दिन क्षीण होती चली जाती है।
    ■ रोगप्रतिरोधक क्षमता मृतप्राय हो जाती है।
    ■ इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है।
    ■ पाचनतंत्र बिगड़ जाता है।

आपको जो भी शौक है, उसे पूरा कीजिये।
दुनिया में बहुत से लोग ऐसे हैं, जो दिन भर में 15 से 20 चाय पीते हैं, रोज दारू पीते हैं

प्यार भी कर लेते हैं, फिर भी स्वस्थ्य हैं।

  • कुछ लोग मोहब्बत के मारे-अच्छे मन से सिगरेट, दाऊ, शराब सब पीते हैं- यह सोचकर कि..
  • मोहब्बत से गुजरा हूँ,
    अब शराब पीने चलते हैं।
    दोनों एक जैसे हैं, बस
    होश ही तो गंवाना है।।
  • दारू पीकर कभी कुछ लोग अच्छे
    इन्सान भी बन जाते हैं-
    उस शख्स पर शराब
    का पीना हराम है!
    जो रहके मयखाने में
    भी इन्सां न हो सका!!

आशिकी की इबादत तथा
शराब की आदत…
दोनों में नशा बराबर का है।
वैसे स्वस्थ्य और सफल जीवन के लिए
आशिकी एवं शराब दोनों से बचना चाहिए-
शराब ओर आशिकी में समानता
यही है कि-
शराब ज्यादा हो जाए तो
लड़का उल्टी करता है।
आशिकी ज्यादा हो जाए तो लड़की।

हालांकि शराब स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है।
बोतल पर चाहें कितने बड़े अक्षरों से खतरा लिखा हो,
लेकिन भारतीय लोग भी खतरों के खिलाड़ी होते हैं। ये पीकर तंदुरुस्त भी रहते हैं।

  • शादी-विवाह की शर्तें भी कुछ विचित्र
    होती हैं! जैसे-
    लड़का खाते-पीते घर का हो
    और लड़का खाता पीता न हो।
    अमृतम आयुर्वेद का नियम है कि सबसे पहले तनाव त्यागे, इससे तन की नाव डूब जाती है। फिर ताव यानि क्रोध छोड़े, ताव से भाव और विचार विकृत हो जाते हैं।
  • खानपान का नियम-
    भाव से अभाव उत्पन्न होता है। किसी के भी प्रति पवित्र भाव, अच्छा प्रभाव दिखाता है। इसलिए किसी भी चीज के सेवन करते समय जैसा भाव या सोच रखेंगे वैसा ही खाद्य-पदार्थ में लोच आएगा। खाते-पीते समय जैसा भाव लाएंगे वैसे ही आपको लाभ या हानि पहुंचाएंगे।
    कुछ बीमारी के कलयुगी अर्थ-सरबाइकल पेन क्या है- इसका अर्थ हमारी भाषा में यह है कि- सर+बाइ+कल अर्थात
    जिसके सिर पर बाई यानि पत्नी का बहुत जोर या दवाब हो और कल की चिन्ता में मरा जा रहा हो, तो शराब पीकर राहत पा सकते हैं। दारू का सेवन करने वाले लोग बीमार कम पड़ते हैं, उन्हें किसी तरह का संक्रमण रोग या कोरोना घेर नहीं सकता।

जवानी में नारी एवं बुढापे में बीमारी
के चक्कर में व्यक्ति उलझ ही जाता है।
अभी बहुत कुछ शेष है-अमृतम के मयखाने में

शराब से लीवर खराब हो सकता है, इसलिए इस आयुर्वेदिक औषधि कीलिव का नियमित सेवन करें।

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