च्यवनप्राश अवलेह नाम कैसे पड़ा?

Call us at +91 9713171999
Write to us at support@amrutam.co.in
Join our WhatsApp Channel
Download an E-Book

आयुर्वेद की बहुत प्राचीन 5 किताबों जैसे

{{१}} "रसतन्त्र सार व सिद्धप्रयोग संग्रह
{{२}} चरक सहिंता
{{३}} शारंगधर सहिंता
{{४}} भावप्रकाश
{{५}} आयुर्वेद सिद्ध संग्रह
{{६}} आयुर्वेद सार संग्रह
{{७}} अर्क प्रकाश

आदि शास्त्रों के मुताबिक
च्यवनप्राश का सेवन से तन के सभी विकार,
और अनेकों ज्ञात-अज्ञात आधि-व्याधियों
का नाश हो जाता है और बुढ़ापे के लक्षण नष्ट हो सकते हैं। खोई हुई जवानी पुनः पा सकते हैं बशर्ते यह आयुर्वेद की 5000 वर्ष पुरानी प्राचीन पद्धति से बना हो।

च्यवनप्राश अवलेह नाम कैसे पड़ा?

सबसे पहले अति वृद्ध हो चुके ऋषि च्यवन
ने इसका निर्माण कर, सेवन किया तो पुनः
युवा हो गए थे।

प्राश का अर्थ होता है - आहार, भोजन
अवलेह का मतलब है - आयुर्वेदिक चटनी
अंग्रेजी में अवलेह को माल्ट कहा जाता है।
इस प्रकार च्यवन ऋषि द्वारा बनाया गया आहार (प्राश) च्यवनप्राश के नाम से जगत में प्रसिद्ध हुआ।

पूरी कहानी या इतिहास जानने के लिए  अमृतम के पुराने आर्टिकल पढ़े।

[caption id="attachment_14524" align="alignleft" width="300"]
ORDER AMRUTAM CHAWANPRASH NOW[/caption]

शरीर को हमेशा युवा बनाये रखने के लिए
"अमृतम च्यवनप्राश" बहुत ही लाभकारी उम्ररोधी आयुर्वेदिक ओषधि है।

च्यवनप्राश से 32 तरह के लाभ होते हैं-

【1】उत्तम शक्तिदाता ओषधि है।
【2】यह उम्र को रोकने वाली ओषधि है।
【3】इसके उपयोग से पाचन प्रणाली  Digestive system पूरी तरह ठीक हो जाता है।
【4】श्वसन संस्थान को शक्ति प्रदान करता है।
【5】वायु प्रदूषण और संक्रमण से होने वाले रोग, एलर्जी से शरीर की रक्षा करता है।
【6】फेफड़ों के संक्रमण, भारीपन व विकारों को दूर करता है।
【7】गले, छाती में जमे कफ को साफ करता है।
【8】सर्दी-खाँसी, जुकाम, निमोनिया से
हमेशा-हमेशा के लिए मुक्ति दिलाता है।

【9】हार्ट् यानि दिल की नाडियों में रक्त के संचार को नियमित कर, हृदयाघात से बचाता है।
【10】मस्तिष्क कोशिकाओं, नाडियों एवं अवयवों  को क्रियाशील करता है।
【11】रक्तवाहिनियों को सुचारू करता है।
उच्च रक्तचाप के समय जब बी.पी. हाई हो जाता है , तो धमनियां फूल सकती है और रक्त वाहिनियों में रक्त का जमना बढ जाता है। इससे अनेक रोग पैदा होते हैं। इन सब समस्याओं को दूर करने में

"अमृतम च्यवनप्राश"बहुत सहायक है।

【12】वातवाहिनियों (Vata vessel) यानि "नर्वस सिस्टम" शरीर के समस्त मुख्य कार्यो, जैसे रक्तसंचालन (ब्लड सर्कुलेशन),
*श्वसन* (Respiratory)
^पाचन^ (Digestion)
मूत्र की उत्पत्ति (Origin of urine)
/उत्सर्जन/ (Emissions)
निस्रावी ग्रंथियों में स्रावों (हॉरमोनों की उत्पत्ति) के निर्माण आदि क संचालन करता है।

*श्वसन* (Respiration) क्या होता है -

आयुर्वेद शरीर क्रिया विज्ञान के मुताबिक
सांस को अंदर लेना और बाहर छोड़ने की पूरी प्रक्रिया को श्वसन तंत्र द्वारा किया जाता है.. श्वसन की परिभाषा :-वायुमंडल में ऑक्सीजन शरीर की कोशिकाओं मे पहुंच कर भोजन का ऑक्सीकरण या जारण करती हैं तथा CO2 गैस निकलती है..ऐसी सभी भौतिक एवं रासायनिक क्रियाओं श्वसन कहते हैं.

^पाचन^ (Digestion) क्या होता है - आयुर्वेद के अनुसार एक प्रकार की अपचय क्रिया है: जिसमें आहार के बड़े अणुओं को छोटे-छोटे अणुओं में बदल दिया जाता है।
/उत्सर्जन/ (Emissions) का अर्थ -
उपापचयी (मेटाबोलिक) क्रियायों के फलस्वरूप बने उत्सर्जी पदार्थों को शरीर से बाहर निकालने की क्रिया को उत्सर्जन कहते हैं।

【13】 मूत्र संस्थान (Urine Institute) की समस्या से राहत दिलाता है।
【14】प्रजनन तन्त्र

(Breeding Institute या
(Reproductive System)
को शक्ति प्रदान करता है। इसका कार्य
संतानोत्पत्ति है।
【15】अमृतम च्यवनप्राश उत्सर्जक इन्द्रियों (Emitting senses) को सबल यानि स्ट्रॉन्ग बनाकर आवश्यक शोधन कार्य
(Refining operations) भी करता है, जिससे शारीरिक सर्व कार्य, सभी क्रियाएं सहज तरीके से सरलतापूर्वक चलने लगती हैं।
【16】अमृतम च्यवनप्राश क्षय (ट्यूबरक्लोसिस TB), उरः क्षत, शोथ (शरीर के किसी भी भाग्य में सूजन), हृदयरोग, स्वरभंग, दुर्बलताओं के कारण होने वाले रोगों को मिटाता है।
【17】अमृतम च्यवनप्राश अंदरूनी ठंडक, सर्दी दमा, श्वांस, प्यास, कफ दोष नाशक होता है।
【18】वातरक्त  या गाउट (Gout) होने से मरीज को बहुत तेज   प्रदाह (inflammation) संधिशोथ (acute inflammatory arthritis) का बार-बार दर्द उठता है। इन तकलीफों में अमृतम च्यवनप्राश
अत्यंत लाभकारी सिद्ध होता है।
【19】नेत्ररोग, मूत्रदोष, वीर्य के दोष, कमी  या पतलापन तथा वात,पित्त और कफ यानि त्रिदोष के कारण उत्पन्न अनेक दोषों का नाश करता है।

【20】अमृतम च्यवनप्राश सगर्भा  यानि गर्भवती स्त्री, बालक, वृद्ध, अधेड़, क्षतक्षिण सबके लिए लाभदायक है।
【21】बल, वीर्य, बुद्धि, स्मृति (मेमोरी), मेधा, और कांति बढ़ाकर चेहरे पर तेज लाता है।

[caption id="attachment_14524" align="alignright" width="300"]
ORDER AMRUTAM CHAWANPRASH NOW[/caption]

अमृतम च्यवनप्राश किसी भी रोग से उत्पन्न
निर्बलता को दूर करके जीवनीय शक्ति में बहुत तेजी से वृद्धि करता है।

【22】यूरिक ऐसिड बढ़ जाए,  शरीर में अकड़न-जकड़न हो, हाथ पैर काम नही करें, तो अपनाएँ इस घरेलु  पद्धति से बना अमृतम च्यवनप्राश को
【23】अमृतम च्यवनप्राश आयुर्वेद का प्राचीन रसायन है, जो शरीर का पूरी तरह कायाकल्प करने की क्षमता रखता है।
【24】बेहतरीन शांतिप्रद, कांतिवर्धक, बाजीकर, दीपन-पाचन, पित्त प्रकोप का शामक, सारक, मूत्रदोष नाशक, मूत्रजनक, रुचिकर और-चर्मरोगों को दूर करने वाला हानिरहित निरापद ओषधि है।
【25】अमृतम च्यवनप्राश अधेड़ उम्र के स्त्री-पुरुषों एवं बड़ी उम्र वालों के लिए बहुत ही उपयोगी मेडिसिन है। इसके सेवन से व्यक्ति युवा बना रह सकता है।
【26】आयुर्वेद ग्रंथों में इसे उम्ररोधी
(एंटीएजिंग) दवा कहा गया है

【27】अमृतम च्यवनप्राश 50 तरह की बीमारियों से पीड़ित मरीजों के लिए यह अमृत है। यह असाध्य रोगियो को निरोग बनाने की ताकत रखता है।
【28】अमृतम च्यवनप्राश उन लोगों के लिए विशेष लाभकारी है, जिनका शरीर बुढ़ापे के कारण पूरी तरह जीर्ण-शीर्ण हो चुका हो।
【29】यह शारीरिक यंत्रों के सभी यंत्रों की क्रिया में सुधार तथा दोषों को जलाकर कम हुई शक्ति या जवानी में फिर से वृद्धि कराता है।
【30】पुराने से पुराने मलसंग्रह के कारण पैदा होने वाले उदर रोगों को दूर करता है।
【31】रोग प्रतिरोधक क्षमताओं में वृद्धि करने वाला संसार में इससे अच्छी कोई प्राकृतिक ओषधि कोई दूसरी नहीं है।
【32】पाचनतंत्र (मेटाबॉलिज्म) को सुधारता है।

अमृतम च्यवनप्राश कांच के जार में
200 ग्राम की पेकिंग में उपलब्ध है।

मूल्य ₹- 1125 /-

विशेष ध्यान देंवें-

च्यवनप्राश को हमेशा कांच के पात्र या जार
में ही पैक करना चाहिए। इसका मूल घटक-द्रव कच्चा आंवला होता है, जिसे प्लास्टिक
की पैकिंग में रखना उचित नहीं है।
आयुर्वेद ग्रंथो के अनुसार च्यवनप्राश जैसे
रसायन या पदार्थों का प्लास्टिक जार में रखने से, उसमें टोक्सिन दुष्प्रभाव उत्पन्न हो सकता है।
प्लास्टिक शरीर के लिए अत्यंत हानिकारक तत्व है।
इसलिए हमेशा काँच (Glass) पेकिंग में ही
आयुर्वेदिक ओषधियाँ लेना ज्यादा हितकर है।

च्यवनप्राश निर्माण का प्राचीन विधान --

5000
वर्ष पुरानी पद्धति से निर्मित
च्यवनप्राश केवल कच्चे आँवले द्वारा बनाने
का प्रावधान या विधि-विधान है। केवल सर्दी के दिनों में 2 से तीन माह तक कच्चा आँवला मिल पाता है।

 

RELATED ARTICLES

Talk to an Ayurvedic Expert!

Imbalances are unique to each person and require customised treatment plans to curb the issue from the root cause fully. Book your consultation - download our app now!

Amrutam Face Clean Up Reviews

Currently on my second bottle and happy with how this product has kept acne & breakouts in check. It doesn't leave the skin too dry and also doubles as a face mask.

Juhi Bhatt

Amrutam face clean up works great on any skin type, it has helped me keep my skin inflammation in check, helps with acne and clear the open pores. Continuous usage has helped lighten the pigmentation and scars as well. I have recommended the face clean up to many people and they have all loved it!!

Sakshi Dobhal

This really changed the game of how to maintain skin soft supple and glowing! I’m using it since few weeks and see hell lot of difference in the skin I had before and now. I don’t need any makeup or foundation to cover my skin imperfections since now they are slowly fading away after I started using this! I would say this product doesn’t need any kind of review because it’s above par than expected. It’s a blind buy honestly . I’m looking forward to buy more products and repeat this regularly henceforth.

Shruthu Nayak

Learn all about Ayurvedic Lifestyle