बालों को बचाने के लिये – 4 उपाय, 4 दवाएँ

Read time : min

बालों को बचाने के लिये – 4 उपाय, 4 दवाएँ

बालों की केयर और हेयर फॉल कम करेंगे ये- “4 उपाय, 4  दवाएँ”

मजबूत बालों के लिए-
आयुर्वेद नियमों के अनुसार कब लगाना चाहिए बालों में तेल-
और जाने-

(अदभुत “22” जानकारी इस लेख में)

बालों की देखभाल बच्चों की तरह करना आवश्यक है,तभी बाल स्वस्थ्य,सुन्दर और मजबूत बने रह सकते हैं। बालों की सुरक्षा के लिये हमें प्राचीन परम्पराओं की तरफ लौटना जरूरी है। दादा-दादी,नाना-नानी के नुस्खे, आयुर्वेद योग,
त्रिफला,
भृङ्गराज,
शिकाकाई,
बालछड़
आदि जड़ीबूटियों का तेल तथा देशी काढ़ा बालों को टूटने,झड़ने से बचाने के लिए बहुत

उपयोगी और लाभकारी चिकित्सा है।

आयुर्वेद ग्रंथों के हिसाब से –

बालों को धोने से 1 या 2 दिन पहले
देशी जड़ीबूटियों से बना 
 बालों की जड़ों में हल्के हाथ से उंगलियों
की पोरों से लगाकर बालों को अच्छी तरह कसकर बांधना चाहिए।
शेम्पू करने से एक या दिन पहले बालों में तेल लगाने से कमजोर बलहीन बाल सिर की त्वचा से अलग होकर जड़ों में तेल समाहित हो जाता है जिससे नये बाल आने की संभावना बढ़ जाती है। फिर से
नये बाल उगने लगते हैं।
बालों की ऊपरी सतह (सीबम की बनी एक
सुरक्षा कवच की तरह) शेम्पू करने से खराब नहीं होती। बालों का “पीएच” लेवल मेंटेन रहता है।
शेम्पू द्वारा बाल धोने के पूर्व तेल लगाने से बालों में चमक बनी रहती है। बालों की जड़ों में तेल लगाने एवं  मालिश करने से कमजोर बाल खोपड़ी से अलग होकर नये बाल आने लगते हैं।

हेयर फॉल अर्थात बाल झड़ने-टूटने के और भी “22″ कारण को समझना जरूरी है-

1- खून की कमी (एनीमिया)
2- समय पर महावारी न होना
3- सफेद पानी की शिकायत (लिकोरिया)
4- व्हाइट डिस्चार्ज
5- थायराइड (ग्रंथिशोथ)
6- अवसाद (डिप्रेशन)
7- स्ट्रेस (तनाव)
8- घबराहट (एंजाइटी)
9- रक्त चाप (ब्लडप्रेशर)
10- कमजोर इम्युन सिस्टम
11- पाचन तन्त्र की ख़राबी
12- खानपान की अनियमितता
13- हार्मोनल इम्बैलेंस
14- अनिद्रा (नींद न आना)
15- कलर (हेयर डाई का अधिक उपयोग)
16- बहुत दिनों तक बालों में तेल न लगाना
17- खारे-बोरिंग के पानी से बाल धोना
18- ध्रूमपान या अन्य नशे की अधिकता
19- अनुवांशिकता
20- वातरोग अर्थात हमेशा दर्द बने रहना
21- माइग्रेन (एक तरह का सिरदर्द)
22- बढ़ता वजन या मोटापा

ध्यान रखें-

हमारी खूबसूरती काले,घने,लम्बे बालों के कारण ही सम्भव है। बाल ही हमारी सुन्दरता बढ़ाते हैं। बाल हमारा स्वरूप है।
इसलिए बालों के महत्व को नकारा नहीं जा सकता। बाल छोटे या बड़े,लम्बे हों या घने, सीधे हों या घुंघराले इनसे कोई फर्क नहीं पड़ता। महत्वपूर्ण बात ये ही की बाल किसी भी हाल में स्वस्थ व सुन्दर होना चाहिए।

★★★ बालों को झड़ने-टूटने (हेयर फॉल) से बचाने या कम करने हेतु चार देशी उपाय

1- पाचन तन्त्र (मेटाबॉलिज्म) को मजबूत बनाये-
स्वस्थ्य रहने के लिए खानपान पर ध्यान देना
बहुत जरूरी है। आयुर्वेद में ब्रेक फ़ास्ट (सुबह के नाश्ते) को बहुत ही स्वास्थ्य वर्द्धक बताया है। विस्तार से जानने के लिए हमारे पुराने ब्लॉग/लेख पढ़ें।

अमरूद भी बहुत फायदेमंद है-

सुबह खाली पेट जामफल (अमरूद) अमरूद को आयुर्वेद में अमृत फल माना गया है।
एक माह तक नियम से यदि 200 से 300 ग्राम अमरूद का खाली पेट सेवन किया जाए,तो यह
सैंकड़ों तरह के उदररोग दूर कर पाचन तन्त्र को शक्तिशाली बना देता है।
अमरूद बालों की जड़ों को मजबूत बनाने में भी सहायक बताया है। इसके अलावा
प्रतिदिन सुबह के खाने में सेव,अनार,पपीता, केला जैसे फल तथा
आँवला मुरब्बा,
हरीतकी मुरब्बा, गुलकन्द,
मुनक्का, बादाम,अंजीर,
अखरोट, अँकुरित अनाज,
मूंगफली, दूध-दही एवं पनीर
आदि लेना चाहिए। ये सब पाचन तन्त्र को ठीक कर जीवनीय शक्ति तथा इम्युनिटी पावर
में वृद्धिदायक हैं और प्रोटीन,आयरन, विटामिन्स, केल्शियम से भरपूर होते हैं।

2- दिनचर्या में परिवर्तन करें-

शरीर मांगता है मेहनत। बिना परिश्रम के तन को ठीक रख पाना बहुत मुश्किल काम है।
क्या कहता है आयुर्वेद-
● “स्वस्थ्य कैसे रहें”
●● “आयुर्वेद और जीवन”
●●● “राजनिघण्ठ”
●●●● “चरक एवं सुश्रुत सूत्र”
●●●●● “काश्यप सहिंता”
आदि नामक पुस्तको में उल्लेख है कि शरीर को जितना थकाओगे,उतना ही ये स्वस्थ्य रखकर आनंद से भर देता है। आलस्य हमारा सबसे बड़ा शत्रु है। रोग, चिन्ता, तनाव,माइग्रेन,
मन के विकार तथा मानसिक अशांति का सबसे बड़ा कारण आलस्य ही है।
तनाव दूर करने का यह लाखों वर्ष पुराना
वैदिक फार्मूला बहुत ही चमत्कारी है। 
इसे एक बार आजमाकर अवश्य देखें
 रोज 10 से 15 बार सीधी नाक से धीरे-धीरे श्वांस लेकर फिर, सीधी नाक से ही धीरे-धीरे सांस छोड़े।
यह प्रयोग सुबह उठने से लेकर,रात सोने तक कभी भी,कहीं भी कर सकते हैं। सीधी नाक अर्थात सूर्य नाड़ी से ली गई श्वांस से शरीर में शिथिल रक्त नाडियों में खून  का संचार
सुचारू होने लगता है इससे आलस्य,चिन्ता,तनाव,
घबराहट में राहत मिलती है।
मन शांत हो जाता है। 
अनेक अज्ञात रोग दूर होते हैं।
विशेष ध्यान देवें-
◆ केमिकल युक्त कृत्रिम शैम्पू, हेयर ऑइल, हेयर स्पा तथा कलर,डाई से बचें।

3- जीवनशैली भी सुधारें-

मॉर्निंग वॉक यानि सुबह का टहलना,
घ्यान, योग, प्राणायाम,
व्यायाम, तैराकी, साइकिलिंग,
कसरत, दण्ड-बैठक, दौड़ना,
अधिक से अधिक पैदल चलना
आदि उपाय तनाव, मानसिक अशान्ति एवं बीमारियों को कम करेंगे।
समय पर नाश्ता, भोजन,
नशा न करना या कम करना,
रात में दही खाना, बार-बार खाने
जैसी आदत पर नियंत्रण, तो आपके वश में है।
ध्यान रखें- नियम निर्धारित करेंAmrutam Yoga & Flow

4- योग की शक्ति को पहचानें-

■ शीर्षासन करने से रक्त का संचार पूरे शरीर में होता है जिससे खोपड़ी की त्वचा एवं बालों की जड़े मजबूत होती हैं।
■ उत्थान आसन, उत्तरासन, सर्वांगासन,
मत्स्यासन, शिरासन,अधोमुखासन, मंडूकासन,
ये आसन स्वस्थ्य व बालों के लिए बहुत ही लाभप्रद हैं। इनमें से कोई भी आसन कभी भी कर सकते हैं।
ध्यान रखें- ये सब आसन-प्राणायाम उतना ही करें,जितना आप कर सकें। शरीर को तकलीफ न देवें।

ये 4 हर्बल दवाएँ– 

◆ सप्ताह में 1 से 2 बार बाल धोने के
एक दिन पहले सूखे बालों में
【2】कुन्तल केयर हर्बल हेयर शेम्पू से बाल धोकर सुखा लेवें फिर कंघी या चोटी करें।
【3】शरीर को अंदरूनी ताकत देने,
पाचन तन्त्र (मेटाबोलिज्म) को ठीक करने के लिए त्रिफला आदि 45 जड़ीबूटियों के काढ़े, 7 तरह मुरब्बा-मेवा, 4 प्रकार के ओषधियों रस-रसायनों से निर्मित
का सेवन करें।
यह शरीर के नाड़ी-तन्तुओं, अवयवों, कोशिकाओं एवं रक्त नाडियों का पोषण करने में लाजबाब है।
पेट के के अंदरूनी रोगों का नाशक है। इसमें मिलाये गए घटक-द्रव्य बालों की जड़ों को
शक्ति दायक हैं। यह माल्ट एक प्रकार की आयुर्बेदिक चटनी है,जो जैम की तरह स्वादिष्ट है। प्राचीन हर्बल योगों/ग्रंथों में इसे  अवलेह (माल्ट) कहा गया है।
बालों का झड़ना, टूटना, रूसी (डेन्ड्रफ) तत्काल मिटाता है । बालों की जड़ों को मजबूत बनाने वाली विलक्षण हर्बल मेडिसिन है। गंजापन मिटाकर
नये बाल उगाने में सहायक है।
जब किसी बाहरी
उपयोग शेम्पो, तेल आदि से फायदा न हो,तो यह आयुर्वेद की बहुत ही निरापद एवं हानिरहित केशवर्द्धक देशी दवाई है। यह बालों के 45 तरह के रोगों का अंदर से ठीक करती है।
यह 27 से अधिक देशी जड़ीबूटियों के सत्व से बना शुद्ध देशी काढ़ा है, जो पूरी तरह चिपचिपाहट रहित है। No चिप-चिप हर्बल हेयर केयर फार्मूला होने के कारण महिलाओं को बहुत पसंद किया जा रहा है। इसे बालों में लगाकर कहीं भी आ-जा सकते हैं। यह स्पा बालों की जड़ों में पूरी तरह समाहित
हो जाता है जिससे बालों में मजबूती मिलती है।
एक बार के प्रयोग से रूसी दूर हो जाती है।
2 दिन में बालों का झड़ना,टूटना रोक देता है।
यह सावधानी बरतें-
◆ गीले बालों में तेल न लगावे
◆◆ गीले बालों में कंघी न करें
◆◆◆ सुबह खाली पेट पानी पियें
◆◆◆◆ रात्रि में दही एवं अरहर की दाल न खावें।
विशेष- हमारे पिछले लेखों में “कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा” बनाने का फार्मूला बताया गया है।
इसे आप घर पर भी निर्मित कर सकते हैं।
बालों के बारे में 50 से अधिक जानकारी पाने
हेतु हमारी वेबसाइट देखें। और भी
बहुत कुछ दुर्लभ,आयुर्वेद एवं स्वास्थ्य संबंधित पुरानी जानकारी थायराइड, वातरोग के विषय
में विशेष
 तथा अमृतम की कहानी पढ़ें।

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Talk to an Ayurvedic Expert!

Imbalances are unique to each person and require customised treatment plans to curb the issue from the root cause fully. Book your consultation - download our app now!

Learn all about Ayurvedic Lifestyle