आयुर्वेदिक दवाएं पुरानी से पुरानी बीमारियों को जड़मूल से दूर करती हैं।
यह त्रिदोषनाशक होती हैं। आयुर्वेदिक पद्धति पुरानी है, बेकार नहीं।
स्वास्थ्य की सौगात से भरे आयुर्वेद के प्राचीन ग्रंथों की परंपरा के अनुसार आप वात-पित्त-कफ यानि त्रिदोष की विषमताओं से बच कर अधिभौतिक, आधिदैविक और आध्यात्मिक इन तीन पापों से उत्पन्न अनेक ज्ञात-अज्ञात बीमारियों से अपनी रक्षा कर सकते हैं।
अतः आयुर्वेद अपनाएं
स्वयं को प्रसन्न बनायें
अमृतम द्वारा सौ से ज्यादा ,
100% हर्बल मेडिसिन का
निर्माण प्राचीन तरीके/पद्धति से किया जा रहा है।
जो पेट की सभी तकलीफों को मिटाकर,
{}{} आंतों की सूजन,
खून की कमी
{}{}{} लिवर की समस्या,
पाण्डु रोग
{}{}{}{} पाचन तन्त्र की कमजोरी,
{}{}{}{}{} अवसाद (डिप्रेशन) एवं
■ प्रदूषण की वजह से होने वाले विकार
■■ डेंगू फीवर, मलेरिया बुखार,
■■■ छाती के रोग, निमोनिया,
■■■■ बालों का झड़ना, टूटना
■■■■■ वातविकारों आदि व्याधियों का नाश करने में सहायक हैं।
हर्बल मेडिसिन एक प्राकृतिक प्राचीन चिकित्सा पद्धति है, जो बिना किसी नुकसान या साइड इफेक्ट्स के आपकी सभी स्वास्थ्य समस्याओं का पूर्ण रूप से ठीक करने में सक्षम है।
"अमृतम" की आयुर्वेदिक ओषधियाँ बिना किसी दुष्प्रभाव के 100% सकारात्मक परिणाम प्रदान करती हैं।
विस्तार से सम्पूर्ण जानकारी प्राप्त करेें --आयुर्वेदिक दवाईयों से होते हैं "9" फायदेऔर जानिए
........अर्थराइटिस/वातरोगों की वजह से उत्पन्न 9 प्रकार की व्याधियों के बारे में