बवासीर की तकलीफ के कारण हम मन से
कोई काम नहीं कर पाते, इस वजह से
भाग्यशाली लोगों की भी
तकदीर खराब हो जाती है। पाइल्स की बीमारी से रोगी
दुर्भाग्य का शिकार हो जाता है।
“रोगी को पाइल्स का पता जल्दी नहीं चलता”
पाइल्स की समस्या का सामना करने वाले बहुत से लोगों को लज्जा आती है।
शर्म के कारण इसलिए अपनी यह तकलीफ किसी से साझा नहीं कर पाते। अक्सर
महिलाएं, तो पाइल्स तकलीफ को बहुत समय तक झेलती रहती हैं। किसी को बता नहीं पाती।
आयुर्वेदिक निघण्टु ग्रन्थ में “8” प्रकार के अर्श का वर्णन है।
बवासीर अंदर या बाहर इंटरनल या एक्सटर्नल (वाह्य तथा आंतरिक) अर्श/बवासीर अथवा
पाइल्स भिन्न-भिन्न रूप में गुदा के अंदर या फिर, बाहर की तरफ उपस्थित हो सकता है।
मल के कड़े/कठोर विसर्जन से
इनके सूखने या ख़रीश होने इन मस्सों में बहुत दर्द होकर खून आने लगता है।
हमेशा मल द्वार या गुदा को चिकना बनाये रखें
इसके लिए नीचे लिखे तेलों जैसे —
【1】चंदनादि तेल, 20 ml
【2】बादाम तेल 5 ml
【3】जैतून तेल 5 ml
【4】कुम-कुमादि तेल आधा ml
मानसिक और दिमाग की अशान्ति कम करने में अत्यंत लाभदायक है।
प्राकृतिक ओषधियों में दाख/मुनक्का/द्राक्षा, अभया एवं गुलाब के फूलों से घर की बनी हुई देशी गुलकन्द, नागकेशर बवासीर/पाइल्स को जड़ से मिटाने वाली सर्वश्रेष्ठ हर्बल ओषधि हैं।
पाइल्स की गोल्ड माल्ट – बवासीर नाशक 35 जड़ीबूटियों के अर्क/सत्व- रस से निर्मित है इसे और अधिक प्रभावी बनाने के लिए इसमें
हरीतकी,
मुरब्बा, सेव का मुरब्बा त्रिफला,शुण्ठी, आदि का समावेश किया है।
●भोजन को पचाता है.
●आंतों को चिकनाई देता है
●उदर की खुश्की मिटाता है।
●सुबह समय पर पखाना साफ लेकर एक बार में ही पेट साफ करता है।
●सूखी और खूनी एवं वातज, कफ़ज, पित्तज आदि आठ तरह की पाइल्स को जड़ से मिटा देता है। मस्सों को सुखाकर मल के द्वारा गिरा देता है।
●रक्तवृद्धि में सहायक है।
●कब्जियत नहीं होने देता
●अर्श के मस्सों को मुलायम करता है।
पाइल्स की पीड़ा से निराश मरीज ध्यान देवें :—
यदि आप कई प्रकार की दवाइयों का उपयोग करके निराश हों चुके हों, तो खाने के लिये
पाइल्स की गोल्ड माल्ट और लगाने के लिए
काया की बॉडी मसाज ऑयल का एक बार इस्तेमाल अवश्य करके देखें।
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