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कीलिव माल्ट (for liver health)
(जायकेदार यकृतरोगहारी)
शुद्ध हर्बल प्रोडक्ट
आँवला,
पपीता,
करोंदा,
हरीतकी,
सेव आदि
मुरब्बे से बना यह पहला
हर्बल माल्ट (अवलेह) है,
जिसे जैम की तरह
ब्रेड,परांठा,रोटी
में लगाकर अथवा
दूध या पानी में
मिलाकर औऱ जैम की तरह
भी लिया जा सकता है ।
कीलिव माल्ट (for liver health)
टोटल केयर ऑफ लिवर
यकृत (लिवर) सम्बंधित सभी
रोगों का शर्तिया इलाज है ।
1- बहुत समय से पेट की खराबी
2- पुराने उदर विकार
3- पाचन तन्त्र (मेटाबोलिज्म) का बिगड़ना
हमेशा कब्जियत रहना
4- शाम-संकारे,खट्टी-डकारें
5- अम्लपित्त (एसिडिटी)
6- बहुत दिनों तक बैठकर काम करने,
7- आलस्य,सुस्ती,उदासी एवं
8- नियमित अधिक शराब पीने तथा
9- लंबे समय तक अंग्रेजी दवा
खाने से यकृत (लिवर) क्षतिग्रस्त
हो जाता है ।
10- दारू,शराब (wine) एवं एलोपैथिक
दवाओं जैसे कि
11- पैरासिटामोल सल्फास एंटीबायोटिक,
12- एंटीट्यूबरक्यूलर
13- एन्टीलेप्रोटिक एवं
गर्भ निरोधक गोलियों के
हानिकारक प्रभाव को
"अमृतम"कीलिव माल्ट (f0r liver health)
निष्क्रिय कर देता है ।
विशेष उपयोगी ओषधियों से निर्मित
@ कालमेघ
@ चिरायता
@ हरड़
@ त्रिफला
@ पित्तपापड़ा
@ पुनर्नवा
@ विडंग
@ रोहितिक छाल
@ मकोय
@ अर्जुन
@ भुंइ आँवला आदि
जड़ीबूटियों के काढ़े के मिश्रण से
कीलिव माल्ट को बनाया गया है ।
उपरोक्त शुद्ध हर्बल ओषधियाँ
अपने चमत्कारी प्रभाव ओर
गुणवत्ता के कारण अमृतम
आयुर्वेद के लगभग
82 ग्रंथों में इनका उल्लेख है ।
यकृत रोगों में लाभकारी-
कीलिव माल्ट-
()- बढ़े हुए लिवर,
()- पीलिया,
()-वसामय लिवर की शिथिलता,
()- जीर्णयुक्त शोथ,
()- भूख न लगना
()- खून की कमी
()- कमजोरी, चिड़चिड़ापन तथा
()- असाध्य रोगों के पश्चात
()- बीमारी से उबर रहे लोगों के लिये
भी अत्यंत हितकारी है ।
बरसात में सौगात-
वर्ष ऋतु में पाचन तन्त्र (मेटाबोलिज्म)
के बिगड़ने से अनेक उदर रोग
उत्पन्न हो जाते हैं । इस समय लिवर
की सुरक्षा हेतु "कीलिव माल्ट" (for liver health)
का सेवन अति आवश्यक होता है ।
!!!- ज्वर,मलेरिया से बचाव हेतु-
फ्लूकी माल्ट का सेवन करें ।
""अदभुत केशवर्द्धक हर्बल दवाई""-
बालों का टूटना
झड़ना,
पतला होना,
कमजोर होना,
सिर में रूसी,खुजली, के कारण
हो रहे दोमुँहे,गंजापन,असमय सफेदी
केश पतन, केशपात आदि अनेक
अज्ञात केशरोगों को दूर करने हेतु
कुन्तल केयर हर्बल हेयर
बास्केट मंगाए । इसमें 4 तरह की
केशवर्द्धक हर्बल ओषधियाँ हैं ।