थायराइड की देशी दवा | Ayurvedic Medicine for Thyroid
महिलाओं के लिए मारक रोग
एक साइलेंट किलर- थायराइड
थायरायड (ग्रंथिशोथ) की वजह से शरीर की ग्रन्थियां शिथिल ओर कमजोर हो जाती हैं।
नई वैज्ञानिक शोध के हिसाब से थायराइड
(ग्रंथिशोथ) को एक तरह से कुछ जानकर गुप्त मारक अर्थात साइलेंट किलर कहते हैं क्योंकि थायराइड रोग के विषय में,उनके लक्षण जब मालूम पड़ते हैं तब तक शरीर
जीर्ण शीर्ण हो चुका होता है यानि कि इस रोग की जानकारी बहुत देर में पता लग पाती हैं।
महिलाओं के लिए मारक
आमतौर पर माना जा रहा है कि वर्तमान में महिलाएं इस थायराइड रोग (ग्रंथिशोथ) से बहुत ज्यादा पीड़ित हो रही हैं। अनेक कारणों से स्त्रियां इस रोग का ज्यादा शिकार होती हैं। इसी कारण कम उम्र में ही उनकी
■ सुन्दरता और खूबसूरती नष्ट हो जाती है।
■ माहवारी बिगड़ जाती है।
■ महिलाएं सफेद पानी की शिकायत, व्हाइट डिस्चार्ज,लिकोरिया एवं बार-बार के गर्भपात से पीड़ित हो जाती हैं।
■ बालों का झड़ना,टूटना,पतले होना आदि ■अनेक केशविकर उत्पन्न होने लगते हैं।
■ चेहरे पर झुर्रियां पड़ने लगती हैं।
■ बहुत तेज़ी से मोटापा बढ़ने लगता है।
■ त्वचारोग (स्किन डिसीज़) होने लगता है।
क्या लिखा है अमृतम आयुर्वेद ग्रंथों में-
आयुर्वेद की किताबों जैसे माधव निदान,
भैषज्य रत्नावली आदि में स्पष्ट रूप से लिखा हुआ है कि आप Thyroid Gland
थायरॉइड ग्रंथि को अपने शरीर की ऊर्जा पुंज के तौर पर सोच सकते हैं। जब यह निष्क्रिय हो जाता है, तो शरीर की बाकी क्रियाओं को असर पड़ने लगता है।..
थायराइड का इलाज केवल देशी दवाओं द्वारा ही संभव है। बहुत धैर्य और सयंम से हर्बल मेडिसिन का उपयोग कर इस रोग को जड़ से मिटाया जा सकता है। वर्तमान में थाइराइड से मुुक्ति पाने के लिए सबसे प्रसिद्ध और असरकारक दवा के रूप में
ऑर्थोकी गोल्ड कैप्सूल
सुबह खाली पेट दूध के साथ रोज एक कैप्सूल 15 दिन तक ले सकते हैं। यह पूर्णतः आयुर्वेदिक ओषधि है। यह पूरी तरह
हानिमुक्त है। 4 से 5 माह तक ऑर्थोकी गोल्ड कैप्सूल का सेवन करने से थायराइड (ग्रंथिशोथ) तथा 88 प्रकार के वात रोगों को जड़ मूल से नष्ट कर देता है। यह शरीर को 55 की उम्र में भी बचपन जैसा चंचल व फुर्तीला,स्वस्थ्य तथा सुंदर बनाने में सहायक है।
इसमें मिलाया गया त्रैलोक्य चिंतामणि रस (स्वर्णयुक्त) तन की सभी चिंताओं को हर लेता है। गुग्गुल युक्त सर्वरोगहारी यह केप्सूल 45 से भी अधिक जड़ीबूटियों,रसभस्मों,प्राकृतिक ओषधियों के मिश्रण से बनाया गया है।
क्या है थायराइड-
■ महिलाओं में थायराइड के शुरुआती लक्षण ...
थायराइड दरअसल एक एंडोक्राइन ग्लैंड (ग्रंथि) है जो बटरफ्लाई आकार का होता है और ये गले में स्थित है। इसमें से थायराइड हार्मोन निकलता है जो शरीर में मेटाबॉलिज्म (चयाअपचय क्रिया) पाचन तंत्र को संतुलित करता है।थायराइड ग्लैंड शरीर से आयोडीन की मदद से हार्मोन बनाता है।
■ थायरायड ग्रंथिगर्दन मे श्वास नली के ऊपर होती है, जिसका आकार तितली जैसा होता है। यह ग्रंथिथाइराक्सिन नामक हार्मोन बनाती है, जो शरीर की एनर्जी, प्रोटीन उत्पादन व अन्य हार्मोन्स के प्रति होने वाली संवेदनशीलता को कंट्रोल में रखता है। हार्मोन की कमी इस रोग का एक कारण बताया जाता है।
हार्मोन असंतुलन के कारण?
हार्मोन्स का असंतुलन कई वजहों से होता है जैसे कि, अनियमित जीवनशैली, कुपोषण, समय से भोजन ना करना, ज्यादा स्ट्रेस यानि कि तनाव लेना, व्यायाम ना करना, आदि।
शरीर में हार्मोन की पूर्ति के लिये
ऑर्थोकी गोल्ड माल्ट
गर्म दूध या गर्मपानी के साथ लेना बहुत ही लाभकारी है। यह शरीर में मेटाबॉलिज्म (चयाअपचय क्रिया) पाचन तंत्र को संतुलित करता है। कमजोर हड्डियों को ताकत देता है।
■ असाध्य वात-विकारों में अत्यंत उपयोगी है।
■ शरीर में सभी तरह के दर्द की यह सर्वश्रेष्ठ ओषधि है।
■ कमरदर्द,हाथ-पैरों,जोड़ों के दर्द,गले व
गर्दन के दर्द को दूर करता है।
■ यह पुरानी से पुरानी वात दर्द की पीड़ा हरने वाली शुद्ध देशी दवा है
ऑर्थोकी के बारे में बहुत ही विस्तार से पिछले
लेखों में बताया जा चुका है।
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