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आयुर्वेद ...के द्वारा ही असाध्य रोगों से बचा जा सकता है
आलस्य और लापरवाही न करें
तन में कोई न कोई विकार अपना आकार लेते
रहते हैं । लापरवाही एवं अज्ञानता के कारण ये रोग शरीर को अंदर ही अंदर खोखला करते रहते हैं। इसका दुष्परिणाम यह होता है कि व्यक्ति कम उम्र में। ही खतरनाक उदर रोग,
लिवर की समस्या, पेट की बीमारी, केन्सर थायराइड, नामर्दी, नपुंसकता, जैसी असाध्य बीमारियों का शिकार हो जाता है।
एक शोध के अनुसार देश में 60 फीसदी से ज्यादा महिलाओ का मासिक धर्म अनियमित हो चुका है, जिससे उनकी खूबसूरती
जवानी में ही नष्ट हो रही है।
शरीर में प्रोटीन, कैल्शियम, खनिज पदार्थों की कमी तथा जीवनीय शक्ति का ह्रास और त्रिदोष होने से रोग सदा सताते हैं ।
कई प्रकार के साध्य-असाध्य रोग-विकारों से बचने के लिए
अमृतम आयुर्वेदिक ओषधियों का सेवन करें या फिर
कई प्रकार के साध्य-असाध्य रोग-विकारों से बचने के लिए
अमृतम आयुर्वेदिक ओषधियों का सेवन करें या फिर
5000 साल पुरानी इम्युनिटी बढाने वाली दवा
नियमित लेवें
अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट देखें
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अमृतम च्यवनप्राश तन के सभी विकार दूर करने
में चमत्कारिक आयुर्वेदिक औषधि है।
इसके लगातार खाने से और अनेकों व्याधियो
और बुढ़ापे के लक्षण नष्ट हो जाते हैं।
खोई हुई जवानी पुनः पा सकते हैं बशर्ते
यह आयुर्वेद की 5000 वर्ष पुरानी प्राचीन पद्धति से बना हो।
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