जानें क्यों झड़ते हैं बाल

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जानें क्यों झड़ते हैं बाल

जानें क्यों झड़ते हैं बाल

शरीर में परिवर्तन से,

ऊर्जा की कमी से,

आनुवंशिक, पारिवारिक कारणों

या उम्र की अधिकता से

शक्तिहीन होने से,

भय-भ्रम,चिंता होने से,

लगातार पेट खराब रहने से,

भूख न लगने से

मानसिक तनाव व नींद न आने से

बार-बार विकार होने से,

बीमार पड़ने या बुखार होने से

असाध्य रोगों के कारण,

जैसे - कैंसर, केमोथेरेपी या

अत्यधिक विटामिन ए की कमी से

या अन्य चिकित्सा के दुष्प्रभाव से,

अधिक भावुकता से,

बहुत ज्यादा कमजोरी के कारण

शारीरिक तनाव की वजह से,

एक ही प्रकार की चोटी करने से

बाल को लंबे समय तक खींचे रखने से

भी बाल झड़कर कम होते जाते हैं ।

क्या कहती हैं नई खोज-

आधुनिक विज्ञान की एक रिसर्च के अनुसार

बाल झड़ने के कारण बताए गए हैं-

एंड्रोजेनिक एलोपेसिया

यह एक ऐसा केश विकार है,जो महिलाओ से ज्यादा पुरुषों को होता है। इसीलिए  पुरुषों के बाल कम उम्र में ही झड़कर धीरे धीरे सिर की खाल पर बाल दिखने कम हो जाते हैं । इसे गंजापन भी कहा जाता है।

यह स्थायी किस्म का गंजापन होता है ।

यह  खोपड़ी के बीचों-बीच उभरता है।

यह कानों के पास और खोपडी के

ऊपरी हिस्से से शुरू होकर पीछे की ओर बढ़ता है।

बालों का झड़न 18 वर्ष से लेकर 40-45  की उम्र में या इसके बाद किसी भी उम्र में शरू हो सकता है । कम उम्र में लगातार बालों का झड़ना व्यक्ति को आंशिक रूप से या पूरी तरह गंजा कर सकता है।

आयुर्वेद की भाषा में यह झड़ना रोग पित्त की वृद्धि के कारण भी होता है ।

आधुनिक चिकित्सा जगत में  इस किस्म के गंजेपन के लिए मुख्यत: टेस्टोस्टेरॉन नामक हारमोन संबंधी बदलाव और आनुवंशिकता जिम्मेदार होती है।

एलोपेसिया एरीटा

इसमें सिर के अलग-अलग हिस्सों से बाल गिर जाते हैं । इस कारण जहां-तहां के बाल गिरते हैं,तो वह हिस्सा चिकना सा दिखने लगता है । जिससे खोपड़ी पर कई जगह कम बालों के कारण चिकनापन,गंजापन  सा दिखता है। इसकी खोज अब तक अधूरी है, पर माना जाता है कि बार रोग ग्रस्त होने से जड़े कमजोर हो जाती हैं । यह शरीर की

जीवनीय क्षमता अर्थात रोगप्रतिरोधी शक्ति  कम होने के कारण होता है।

इसकी वृद्धि हेतु

अमृतम ने

कुन्तल केयर माल्ट बनाया है ।

यह शरीर के कमजोर तंतुओं

को ताकत देता है, जो

  • प्रोटीन,
  • केल्शियम,
  • मिनरल्स
  • विटामिन्स

की पूर्ति करने में सहायक है ।

ट्रैक्शन एलोपेसिया 

कभी-कभी खराब आदत

कयामत ला देती हैं ।

काफी समय तक एक ही तरीके

से चोटी रखने, टाइट चुटिया करने

या परम्परा गत हेयर स्टाइल  से

बाल के खिंचे रहने के कारण होता है।

अपनी हेयर स्टाइल बदल देने यानी बाल के खिंचाव को खत्म कर देने के बाद इसमें बालों का झड़ना रुक जाता है।

अमृतम चिकित्सा

दुनिया के लोग अब तक अमृतम आयुर्वेद को जानते भर थे लेकिन स्थाई लाभ मिलने के कारण अब मानने भी लगे हैं।

लोगों का हर्बल दवाओं पर बहुत

विश्वास बढ़ा है ।

इसी विश्वास को और अधिक

विश्वसनीय बनाने हेतु

अमृतम ने बालों की रक्षा-सुरक्षा

तथा देखभाल के लिए  5 प्रकार की

प्राकृतिक ओषधि का निर्माण किया है-जो

रूसी-खुजली, झड़ना मिटाये

7 दिनों में ही असर दिखाये

इसे कुन्तल केयर बास्केट

के नाम से तैयार किया है ।

जिनके नाम निम्नानुसार हैं-

बालों को लम्बे,घना,काला, बनाये

रखने हेतु इन सभी प्रोडक्ट में 109

से अधिक जड़ीबूटियों,जैसे-

@ सीताफल के बीज,

@ धनिये का रस,

@ सागौन के बीज,

@ जटामांसी,

@ त्रिफला,

@ त्रिसुगन्ध

@ करंज,

@ नीम,

@ तुवर्क,

@ ब्राह्मी,

@ शंखपुष्पी,

@ गेहूं सत्व,

@ सूखानारियल गोला,

@ मेहंदी,

@ नागरमोथा

@ तुम्ब बीज,

आदि असरकारी रस ओषधियों

के काढ़े को

  • नारियल तेल,
  • तिल तेल,
  • मेहंदी तेल,
  • बादाम तेल
  • अलसी तेल

में 15 या 20 दिनों तक हल्की आंच

या अग्नि में पकाकर हेयर ऑयल  तैयार किया गया है ।

कुन्तल केयर माल्ट

में करीब 25 तरह के

मेवा-,मसाले, मुरब्बों

का मिश्रण है, जो शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि करता है ।

इसे 2 या 3 महीने लगातार

सुबह खाली पेट 2 या 3 चम्मच

गुनगुने दूध से  लेवें।   इसके नियमित सेवन से बालों का झड़ना तत्काल बन्द हो जाता है ।

सूखे बालों में हेयर ऑयल

लगाकर एक दिन बाद

कुन्तल केयर शेम्पो से धोवें,

तो नये बाल उगने लगते हैं ।

हेयर स्पा रात को सूखे बालों में जड़ों तक लगाकर सुबह बाल धोलें ।

2 माह तक अमृतम की इन दवाओं

का सेवन कर अपने बालों के प्रति बेफिक्र

हो सकते हो ।

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