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सर्दियों में रूखी त्वचा के लिए वरदान
कुम-कुमादि, बादाम (आलमंड), जैतून (ऑलिव) और चंदनादि प्राकृतिक खुशबूदार तेलों से निर्मित काया की हर्बल मसाज़ ऑयल चिप-चिपाहट रहित 100% आयुर्वेदिक तेल पूरे परिवार और बच्चों की मालिश और अभ्यङ्ग के लिए गुणकारी है।
आयुर्वेद सहिंताओं के अनुसार
"सौन्दर्यवर्णेस्वास्थ्यैव लोकेभवति निश्चितम"
काया की हर्बल मसाज़ ऑयल
【1】सौन्दर्य अभिवृद्धि के लिए विशेष उपयोगी है।
【2】वर्ण को निखारता है।
【3】त्वचा को मुलायम व चमकदार बनाता है।
【4】बल वृद्धि दायक है।
【5】चुस्ती-स्फूर्ति कारक है।
【6】हड्डियों को मजबूत बनाता है।
में मिलाय गया "जैतून तेल" (ऑलिव ऑयल) --
【7】पतला होने के कारण तन और त्वचा में शीघ्र समाहित हो जाता है।
【8】शरीर में स्निग्धता व चिकनाहट एवं सुन्दरता प्रदान करता है।
【9】चेहरे तथा तन के दाग-धब्बे मिटाता है।
【10】स्किन के सूक्ष्म छिद्रों में जमी गन्दगी बाहर निकालकर चमकदार बनाता है।
【11】त्वचा में जमे कीटाणुओं का नाश कर त्वचारोग से राहत दिलाता है।
【12】मरी हुई या मोटी खाल में नमी देकर तन को ऊर्जावान बनाता है।
चंदातिआल्हदयतीति "चदि आल्हादे" अर्थात - चन्दन जो तन-मन-मस्तिष्क को आल्हादित करे यानि परम प्रसन्नता दायक है। चन्दन त्वचा के लिए बहुत ही लाभदायक है-
【13】जीवाणुनाशक
【14】शरीर की दुर्गन्ध को दूर करे।
【15】ज्वर, डेंगू, चिकगुनिया, वायरल फीवर, बुखार आदि एवं निमोनिया या अन्य किसी भी बीमारियों के कारण आई कमजोरी इसकी मालिश से दूर होती है।
【16】उन्माद, सिरदर्द, अवसाद, आधासीसी का दर्द माइग्रेन आदि तकलीफ काया की ऑयल की मालिश से मिट जाती हैं।
【17】महिलाओं में सौन्दर्य और योवनता लाने में बहुत ही विलक्षण है।
【18】बार-बार होने वाली सर्दी और जुकाम,
कफ रोग, छाती का भारीपन, शिरःशूल,
दूर करने अत्यन्त हितकारी है।
【19】त्वचा को उत्तम कर व्रण, घाव जख्म के निशान इसके अभ्यङ्ग से दूर हो जाते हैं।
【20】आंखों के नीचे काले धब्बे, झुर्रियां मिटाकर चेहरे पर चमक लाता है।
बादाम तेल (almond oil) -
【21】शक्ति एवं बुद्धिवर्धक।
【22】काया की हर्बल मसाज ऑयल की प्रतिदिन पूरे शरीर में मालिश करने से वातविकारों (अर्थराइटिस) की परेशानियों से राहत मिलती है।
【23】यह एंटी एजिंग है यानि बुढ़ापा आने से रोकता है।
【24】गहरी और अच्छी नींद लाने में सहायक है।
【25】काया की ऑयल की मालिश से हड्डियां मजबूत होती है।
【26】जोड़ों में लचीलापन आने लगता है।
【27】लुब्रिकेशन पैदा हो जाता है।
【28】ताउम्र वातविकार नहीं सताते।
जाने इस लेख से
● अभ्यङ्ग का अर्थ
● अभ्यङ्ग का महत्व
● अभ्यङ्ग से लाभ
● अभ्यङ्ग से कायाकल्प
● किस अंग की मसाज से क्या लाभ
● किस तेल से करें मालिश
● मालिश का इतिहास
● अभ्यङ्ग का महत्व
● अभ्यङ्ग से लाभ
● अभ्यङ्ग से कायाकल्प
● किस अंग की मसाज से क्या लाभ
● किस तेल से करें मालिश
● मालिश का इतिहास
अभ्यंगस्नान से तन में
तीव्रता व तेज़ी आती है।
मानव के मन की मलिनता मिटती है।
अभ्यंग व्यक्ति को अभय
अर्थात भय मुक्त करता है।
दिल के लिए फायदेमंद है- मालिश