डिप्रेशन-एक मानसिक विकार | ब्रेनकी गोल्ड माल्ट

Read time : min

डिप्रेशन-एक मानसिक विकार | ब्रेनकी गोल्ड माल्ट
डिप्रेशन एक मानसिक विकार है । हिंदी में इसे अवसाद कहते हैं । इस महारोग से कोई भी
बच नहीं पाता । क्या है अवसाद-यह एक ऐसी मनःस्थिति है,जिसमें कोई गहरी निराशा में डूब हो, जाने-अनजाने अपने प्रति लापरवाह, अकेलापन, एकांत पसन्द करे । असामान्य आचरण, व्यवहार करे । अपने तथा अन्य के बारे में भ्रमपूर्ण विचार रखे,जड़ सा होकर , सदा गुमसुम रहकर आत्महत्या की सोचने लगे ।

विषाद,उदासी,निराशा, हताशा, हमेशा नकारात्मक विचारों से घिरे रहना , स्वयं को मूल्यहीन समझना, भूख की कमी, या बहुत ही ज्यादा खाना,सिर,पीठ, गर्दन का दर्द निरन्तर रहना भय,चिंता, स्वयं से विवाद,किसी के प्रति क्रोध,गुस्सा, बदल लेने की भावना, ईश्वर, धर्म, आस्था, गुरु, माता-पिता, परिवार,पत्नी के प्रति अविश्वाश  होना,लगातार 15-20 दिनों तक नींद न आना,बात-बात पर क्रोधित होना, चिड़चिड़ाना, किसी भी काम में मन न लगना, भीड़ से बचना,  तन-मन विचलित रहना, बहुत समय से महिलाओं में मासिक धर्म की अनियमितता, आंखे निस्तेज थकी-थकी होना एक ही गति से बार-बार बेचेनी से आगे-पीछे टहलना, तथा अक्सर बिना किसी बात के कारण अथवा मामूली सी बात पर ही उत्तेजित होकर चिल्लाना, गली गलोच करना आदि, अवसाद की विभिन्न  अवस्थाएं है । जीवन में कुछ भी प्रतिकूल परिस्थितियों में हमारा मन उपरोक्त प्रतिक्रियायें करता है । अवसादग्रस्त होने पर हमारे जीवन का सारा तानाबाना ही बिखर जाता है । डिप्रैशन से पीड़ित को समझ पाना मुश्किल होता है । यह किसी भी उम्र में कभी भी, किसी को भी हो सकता है । डिप्रेशन से तन-मन और सामाजिक तीनों प्रकार की हानि होती है । मन टूट जाता है । रोग मन को घेर लेता है और हम तन का इलाज कराकर शरीर को बर्बाद कर लेते हैं । प्रतिक्रिया से अवसाद  वह होता है जिसमें किसी प्रियजन का बिछुड़ जाना, आत्मीय सम्बन्धों का टूट जाना, प्यार,व्यापार या परीक्षा में असफलता, अचानक हानि, आदि इन प्रतिकूल परिस्थितियों से व्यक्ति का मनोबल गिर जाता है । प्रतिक्रियात्मक अवसाद के रोगी एकाग्रता का
पूरी तरह अभाव हो जाता है । वह सोचता कुछ है, दिमाग मे कुछही औऱ बोलता कुछ है ।
जुबाँ लड़खड़ाने लगती है । प्रत्येक बात से अरुचि, नींद का उचटना, नींद की कमी, एक प्रकार से उपेक्षा जैसे भाव दिखने लगते हैं । अंतर्जात अवसाद रोगी के मनगढ़ंत विचारों से उतपन्न होता है । निस्तेज चेहरा, हर कार्य में हिचकिचाहट सेक्स के प्रति अरुचि, मानसिक मन्दता, अंतर्जात का रोगी स्वयं को भी चोट पहुँचा सकता है । कभी-कभी घर परिवार में किसी जिम्मेदार की मृत्यु का भय या बच्चों तथा किसी  के साथ सौतेला व्यवहार भी अवसाद का कारण बन जाता है । बच्चा पढ़ाई में कमजोर हो । किसी से तुलना करना ।लम्बे समय तक असाध्य रोगों का रहना । अवसाद ग्रस्त व्यक्ति की एक पहचान यह भी है की जरा सी सहानभूति से उसकी आंखें भर आती हैं ।  भीड़ या लोगों  में बैठना अच्छा नहीं लगता । जीवन दिशाहीन हो जाता है ।
 
 
अमृतम उपाय सूर्योदय से पूर्व उठें । खाली पेट 3-4 गिलास पानी पीकर फ्रेश होवें । उगते सूर्य देवता को प्रणाम करें  । ब्रेनकी गोल्ड माल्ट 1 या 2 चमच्च सुबह शाम 2 या 3 बार दूध से लें ब्रेनकी टैबलेट 1-1 गोली 2 या 3 बार दूध या पानीसे लें
 

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Talk to an Ayurvedic Expert!

Imbalances are unique to each person and require customised treatment plans to curb the issue from the root cause fully. Book your consultation - download our app now!

Learn all about Ayurvedic Lifestyle