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जिसका बालों पर वर्षों से है राज
उसका नाम है भृङ्गराज
भावप्रकाश एवं आयुर्वेदिक निघंटु में इसे काला भांगरा के नाम से भी जाना जाता है । औषधियों में भ्रंगराज एक प्रसिद्ध
जंगली रुखड़ी,जड़ी है इस का वानस्पतिक या बोटनिकल नाम एक्लिप्टा अल्बा हसाक (Eclipta Alba hassak) है बालों को बल देने तथा केश रोगों के हर हल हेतु यह एक महत्वपूर्ण औषधि है । बालों का झड़ना और बाल टूटना,दो मुहें बाल होना और अकाल या कम उम्र में बालों का सफेदी से बचाने हेतु यह औषधि अत्यंत प्रभावी है । नए, काले केश उगाने में सहायक भृंगराज का बाह्य प्रयोग अत्यंत लाभकारी है ।
भृंगराज के स्वरस को पिया भी जा सकता है तथा सिर की त्वचा पर रोज नियमित रूप से लगाने से बालों का रंग काला होने लगता है यदि इसके साथ भृंगराज आंवला का संयुक्त प्रयोग आंतरिक रूप से किया जाये तो इसके श्रेष्ठ,शीघ्र और सुनिश्चित परिणाम मिलते है ।
बालों का महाराज-भृङ्गराज
नामक पुस्तक में केश विकाओं में विशेष उपयोगी बताया है ।
भृङ्गराज की गुणवत्ता को अमृतम ने वर्षों तक बड़ी गहनता से परखा-जाना है । काला भांगरा के असरकारक गणकारी चमत्कार के कारण
इसका प्रयोग हम अन्य प्रमुख औषधियों के साथ अमृतम ने श्रेष्ठ उत्पाद कुन्तल केयर हर्बल हेयर स्पा,ऑयल,माल्ट, किया है ।