100 रोगों को दूर करने वाला आयुर्वेद का एक योग

Read time : min

100 रोगों को दूर करने वाला आयुर्वेद का एक योग

! आयुर्वेद अमृत है ! 

स्वस्थ्य और सुन्दर बने रहने के लिए आयुर्वेद को अपनाना आवश्यक है।

आयुर्वेद का एक योग- 100 रोग का नाश करने में सक्षम है। जाने क्या है - वह हर्बल ओषधि?

मेटाबॉलिज्म को बूस्ट कर, रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है - अमृतम गोल्ड मालट

अमृतम गोल्ड माल्ट पाचन तंत्र को पूरी तरह ठीक करने वाली शुद्ध देशी दवा है। यह शरीर की रोग-प्रतिरोधक क्षमता को मजबूत करता है। पेट एवं  शरीर की अंदरूनी तकलीफों को जड़ से मिटाता है। इसमें मिलाई गई आयुर्ववेदिक ओषधियाँ हल्की सी गर्माहट उत्पन्न करता है,ताकि सम्पूर्ण शरीर में रक्त का संचार सुचारू हो सके।

     आयुर्वेद के प्रसिद्ध ग्रन्थ

■ "आयुर्वेद चिकित्सा" एवं

■ "आयुर्वेद की वैज्ञानिकता"

में बताया है कि शरीर में रोगों का प्रमुख कारण पाचन तन्त्र और पेट की खराबी है। इस कारण किया गया भोजन समय पर पचता नहीं है। कब्जियत बनी रहती है। पेट खराब रहता है।

बदबूदार वायु (गैस) तन-मन व वातावरण को दूषित कर देता है।
इसका दुष्प्रभाव  यह होता है कि सही ◆ तरीके से खून का संचरण (ब्लड सर्कुलेशन) नहीं हो पाता।

◆ लिवर कमजोर होने लगता है।

◆ गुर्दा (किडनी) में खराबी आने लगती है। ◆ पेशाब साफ नहीं आता

   ◆ शरीर में गर्मी बनी रहती है।
◆ आंखों में पीलापन आ जाता है।
◆ खून का सही तरीके से पूरे शरीर में संचार
न हो पाने के कारण सूजन आने लगती है।
◆मन हमेशा अशान्त  बना रहता है।

और भी कई रोग शरीर में पनपने लगता हैं।

अर्थराइटिस जैसे वात रोग के कारण शरीर के किसी भी एक भाग में अथवा पूरे बदन में  दर्द इतना तेज होता है कि व्यक्ति को न केवल चलने–फिरने बल्कि घुटनों को मोड़ने में भी बहुत परेशानी होती है। घुटनों में दर्द होने के साथ–साथ दर्द के स्थान पर सूजन भी आ जाती है। इन सबकी वजह आयुर्वेद में रक्त का प्रॉपर सर्कुलेशन न होना बताया गया है।
खून के संचार न हो पाने के कारण ही
थायराइड (ग्रंथिशोथ) की समस्याएं होने लगती है। थायराइड जैसी बीमारियां कम उम्र में ही शरीर को खोखला कर देते हैं। शरीर के किसी भी हिस्से में या गले में लम्बें समय तक सूजन का बने रहना यह थायराइड होने का संकेत देता है।
यह खून में यूरिक एसिड ऊँचें स्तर के कारण होता है। यूरिक एसिड क्रिस्टलीकृत हो जाता है और क्रिस्टल जोड़ों, स्नायुुओं और आस-पास केऊतकों में जमा हो जाता है।

खून की कमी और ब्लड सर्कुलेशन की रुकावट से वात-विकार (Musculoskeletal Disorder)  शरीर को तबाही की ओर ले जाते हैं। इसकी वजह से
मस्तिष्क तंत्र के विकार जैसे दिखने वाले लक्षण हो सकते हैं जैसे शरीर पर अनियंत्रण, फ़ालिज़, शरीर के भाग में कमजोरी, निगलने में परेशानी, गले में गोला जैसा अहसास, आवाज़ न निकलना, पेशाब बंद होना, दो वस्तुएं दिखना, अंधापन, बहरापन, मिर्गी जैसी गतिविधि पनपने लगती हैं।
क्यों लाभकारी है?
अमृतम गोल्ड माल्ट-

यह एक अदभुत हर्बल योग है,जो 45 से अधिक ओषधियों से निर्मित है। इसमें आँवला मुरब्बा एंटीऑक्सीडेंट के रूप में जगत व्याख्यात है। हरड़, मुलेठी, पाचन तंत्र (मेटाबॉलिज्म) मजबूती में सहायक है। अश्वगंधा, शतावर  खून के संचार को बढ़ाने वाली बेहतरीन जड़ीबूटी है।

भाव प्रकाश एवं आयुर्वेदिक निघण्टु नामक
शास्त्रों में रक्त का संचार करने वाली जड़ीबूटियों के बारे में बहुत सुन्दर जानकारी दी गई है।
शरीर में खून के संचार को सुचारू बनाये रखने
के लिए ● अश्वगंधा, ● शतावरी, ● मधुयष्टि, ● अभरक भस्म, ● पुर्ननवा, ●अर्जुन छाल तथा रक्त वृद्धि हेतु
● लौह भस्म, ● मंडूर भस्म, ●स्वर्णभस्म, ● ● ● स्वर्णमाक्षिक भस्म, आदि रस-रसायनों का वर्णन है।

इन ओषधियों की गुणवत्ता को देख-परखकर
अमृतम गोल्ड माल्ट का निर्माण किया है।
जिसे हमेशा दूध या पानी के साथ लेने से अनेकों रोग-बीमारियों से रक्षा होती है।

◆ यह शरीर को ताकत भी प्रदान करता है।
◆ अमृतम गोल्ड माल्ट को पूरे वर्ष सेवन किया जा सकता है।
◆ अगर इसे ठंड के दिनों में खाया जाए तो ठंडक से बचाव करता है।

◆ जिन लोगों को बिल्कुल भी भूख नहीं लगती या खाने की कतई इच्छा नहीं होती, उन्हें 1 से 2 दिन में खुलकर भूख लगने लगती है।
◆ खून की कमी,
◆ लिवर की परेशानी,
◆ पाचन तन्त्र की खराबी,
◆ शारीरिक कमजोरी बहुत ही लाजबाब
हर्बल अवलेह है। ◆ सात दिनों के उपयोग से
रक्त कणों (हीमोग्लोबिन) में वृद्धि करता है।
अगर आपको भूख नहीं लगती< तो अपने खाने के साथ एक या दो रोटी में 2 से 3 चम्मच अमृतम गोल्ड माल्ट घी की तरह चिपड़ कर खाना शुरु कर दीजिए, क्योंकि यह यह हर्बल जैम (माल्ट) भूख लगाकर कर शरीर में पाचन क्षमता को बढ़ाता है।
यह माल्ट में सभी  तरह के प्रोटीन, मिनरल्स,
विटामिन, केल्शियम की पूर्ति करता है।
इस माल्ट के नियमित खाने से  सूर्य की अल्ट्रावायलेट की किरणों से बचाव होता है।
अमृतम गोल्ड माल्ट  झाइयों और झुर्रियों से भी काफी हद तक राहत दिलाता है।
रक्त के संचार का अवरोध या रुकावट हटने से शरीर में हल्कापन आने लगता है

★ तनाव मिट जाता है।

★ गठिया और जोड़ो का दर्द भी ठीक हो जाता है। गठिया, वात रोग, शरीर की सूजन, और थायराइड की पुरानी बीमारी में

ऑर्थोकी गोल्ड कैप्सूल रोज सुबह एक कैप्सूल खाली पेट  गुनगुने दूध के साथ
15 से 30 दिन तक लगातार लेने से शीघ्र ही राहत मिलती है।

अमृतम गोल्ड माल्ट के नियमित खाने से वायु विकार (गैस्ट्रिक प्रॉब्लम) दूर हो जाती है। इससे यह फायदा होता है कि कोरोनरी हार्ट डिज़ीज का खतरा भी थोड़ा कम हो जाता है।
जिन लोगों की त्वचा रूखी-सूखी है, उन्हें भी बहुत हितकारी है। अमृतम गोल्ड माल्ट से त्वचा को पोषण मिलता है और त्वचा नम हो जाती है।
शरीर की सभी शिथिल नाड़ियों तथा कोशिकाओं में ऊर्जा आने लगती है। कमजोर अवयव क्रियाशील होने लगते हैं।  किसी भी प्रकार की सूजन ठीक हो जाती है।

  कफ और खांसी समाप्त हो जाती है।
अमृतम गोल्ड माल्ट  एक  आयुर्वेदिक टॉनिक के रूप में प्रयोग किया जाता है। इसका इस्तेमाल करने से शरीर की कार्य क्षमता बढ़ा कर शरीर की कमजोरी को एकदम दूर कर देता है।

लॉगिन करें

www.amrutam.co.in

 

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Talk to an Ayurvedic Expert!

Imbalances are unique to each person and require customised treatment plans to curb the issue from the root cause fully. Book your consultation - download our app now!

Learn all about Ayurvedic Lifestyle