नेत्र या आँख मानव शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगों में से एक है | हमारी दृष्टि हमारे सामाजिक और बौद्धिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है | हम जो भी ज्ञान प्राप्त करते हैं उसका लगभग 80% ज्ञान हमारी आँखों के माध्यम से होता है |
इसके अलावा, स्वस्थ मस्तिष्क के लिए आँखों को स्वास्थ्य बनाए रखना भी महत्वपूर्ण है | चूँकि हमारी ऑप्टिक नसें मस्तिष्क को हमारी आँखों से जोड़ती है, इसलिए इसका स्वस्थ होना महत्वपूर्ण है | इसलिए यदि हम आँखों को स्वस्थ रखते हैं तो अपने मस्तिष्क को भी स्वस्थ रखते हैं |
नेत्र में श्लेष्मला या कंजक्टिवा एक पारदर्शी झिल्ली होती है जो पलको और आँख के सफेद हिस्से को ढँकती है | श्लेम्लाशोथ या कंजक्टिवाइरिस इस परत या झिल्ली की सूजन है | जब कंजक्टिवा में छोटी रक्तवाहिकाएं सूज या फूल जाती हैं, तो यह परत लाल या गुलाबी और साफ हो जाती है, इसलिए इस स्थिति को 'पिंक आई' भी कहते हैं |
लक्षण (Symptoms) :-
- आँखोंमें लालपन
- आँखों की पुतलियों एवं पलकों में सूजन
- आँखों में खुजली
- आँखों में जलन या चुभन या दर्द होना
- पलकों का आपस में चिपक हो जाना
- आँखों से पानी एवंगाढ़ा स्राव का होना
कारण (Causes) :-
यह एलर्जी, रसायनों के एक्सपोजर, शिशुओं में अश्रुनलिका के बंद होने या संक्रमण (वायरस या बैक्टीरिया) आदि कारणों से होती है |
वर्षा ऋतु में या मानसून में आँखों में संक्रमण में वृद्धि का कारण :-
इस ऋतु में तापमान (गर्मी) और आर्द्रता में परिवर्तन संक्रमण पैदा करने वाले रोगाणुओं के विकास को बढ़ावा देता है | जिसके कारण वायरल और बैक्टीरियल संक्रमण की दर अधिक होती है |
नेत्र श्लेष्मलाशोथ या कंजक्टिवाइटिस में क्या करें (पथ्य) :-
- हाथों को समय-समय पर साफ करें
- आँखों को स्वच्छ रखें/ साफ पानी से छीटे मारे
- बाहर निकलने पर चश्मा लगाकर निकले
- प्रतिदिन साफ तौलिए का प्रयोग करें
- नियमित अंतराल पर तकिए के कवर बदले
क्या न करें (अपथ्य) :-
- गंदे हाथों से आंखों को न छुए
- दूसरों के साथ तौलिया या कपड़े रुमाल आदि साझा ना करें
- कांटैक्ट लेंस, चश्मा आदि व्यक्तिगत वस्तुओं को साझा ना करें
- आँखों को बार-बार न छुए न ही रगड़े
- आँसू, छींक, खाँसी आदि जैसे इच्छाओं को नहीं दवाएं
- दिन में ना सोए
- मानसिक तनाव,चिंता, क्रोध आदि न करें
- बहुत मसालेदार, तीखा, भारी और पचने में कठिन तथा कफवर्धक आहार का सेवन न करें
आहार (भोजन) :-
- पुराने जौ, गेहूँ,मूँग
- हरे पत्तेदार एवं मौसमी सब्जियों एवं फल
- अनार
- आमला
- सुख अंगूर या मुनक्का या किशमिश
- त्रिफला
नेत्र श्लेष्मलाशोथ या कंजक्टिवाइटिस का आयुर्वेदिक उपचार :-
प्रक्रियाएं (Therapy):-
- नेत्र धारा (नेत्र पर औषधीय तरल पदार्थ डालना)
- नेत्रधोवन (नेत्र को सामान जल या औषधीय जल से धोना)
- नेत्र तर्पण (औषधीय स्नेह से तर्पण करना)
- विदालका (पलकों पर औषधीय लेप लगाना)
- गंइप (मुँह मे औषधीय तरल पदार्थ रखना)
- विध्दकर्म
शुद्धिकरण उपचार :-
- विरेचन
- रक्तमोक्षण
- नस्य
आयुर्वेदिक औषधियां :-
- आमला
- हरिद्रा
- मेजिष्ठा
- त्रिफला चूर्ण/ क्वाथ
- सुवर्शन चूर्ण
- कैशोर गुग्गुल
- चंद्रप्रभा वटी
- गिलोय सत्व
- पुर्ननवासव
- गंधक धनवटी आदि
नेत्र प्रक्षालन योग :-
- त्रिफला का जल:- रात भर एक चम्मच त्रिफला चूर्ण को पानी में फुला दे | अगली सुबह छानकर उससे नेत्र का प्रक्षालन करें |
- हल्दी जल:- 2 चम्मच हल्दी पाउडर को 2 से 3 मिनट तक गर्म करें | उसे एक गिलास गर्म पानी में मिलाएं और ठंडा होने पर रुई से नेत्र साफ करें |
- गुलाबकावली अर्क- नेत्र में डालें |
- गुलाबजल- नेत्र में डालें |
योग एवं प्राणायाम :-
योग आसन आँखों की मांसपेशियों को मजबूत करने और आँखों में तनाव से राहत देने में मदद करते हैं | दिव्य आसन आँखों को तेज करने में मदद करते हैं:-
- शवासन
- सर्वागासन
- शीर्षासन
- भुजंगासन
- सूर्य नमस्कार
प्राणायाम :-
- त्राटक
- अनुलोम विलोम
- भ्रामरी
प्राणायाम आँखों की मांसपेशियों को आराम देने और तनाव और दबाव को दूर करने में मदद करता है | यह आँखों में रक्त संचार को बढ़ाने में मदद करता है | नेत्रश्लेमलाशोथ के संक्रमण चरण से राहत पाने के बाद आँखों की मांसपेशियों और कामकाज को सशक्त बनाने के लिए योग और प्राणायाम का अभ्यास किया जा सकता है |
कंजक्टिवाइटिस के लिए आयुर्वेदिक दवाएँ:
Eyekey Malt आईकी माल्ट एक प्रमुख आयुर्वेदिक उपचार है जो कंजक्टिवाइटिस के लिए प्रयुक्त होता है। इसमें विभिन्न जड़ी-बूटियों और औषधियों का मिश्रण होता है जो आंखों की संक्रमण से लड़ने में सहायक हो सकता है। आईकी माल्ट के उपयोग से आंखों की जलन, पानी का बहना, और खुजली में आराम प्राप्त हो सकता है। इसके साथ ही, यह आंखों के स्वास्थ्य को बनाए रखने में मदद कर सकता है और आंखों की संरचना को भी मजबूती प्रदान कर सकता है।
कंजक्टिवाइटिस के लिए त्रिफला के लाभ:
त्रिफला, जिसमें आंवला, हरीतकी और बहेड़ा होते हैं, आंखों के संक्रमण में मदद कर सकता है। इसकी एंटीऑक्सीडेंट प्रोपर्टीज आंखों को स्वस्थ रखने में सहायक होती हैं और संरचना को मजबूती प्रदान कर सकती है, जिससे आंखें संक्रमण के प्रति सहानुभूति प्रदान करती हैं।